बालाघाट।
चुनाव से पहले सपा को बडी राहत मिली है। परसवाडा से सपा प्रत्याशी अनुभा मुंजारे को कोर्ट ने जमानत दे दी है। जेल से रिहा होने पर बड़ी संख्या में समर्थक जेल पहुंचे।बताते चले कि बुधवार सुबह बालाघाट में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सभा होनी थी, लेकिन इसके पहले ही सपा प्रत्याशी अनुभा मुंजारे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी से सपा समर्थकों में आक्रोश व्याप्त हो गया था और वे थाने के बाहर पहुंच गए और जमकर नारेबाजी करने लगे थे। अनुभा मुंजारे की गिरफ्तारी एक 5 साल पुराने मामले में की गई थी। शासकीय अवकाश होने के कारण देर शाम तक मुंजारे की जमानत नहीं हो सकी। जिसके बाद उनको जेल भेज दिया गया था।
बता दे कि बालाघाट से नगर पालिका अध्यक्ष रहीं अनुभा मुंजारे कद्दावर नेत्री मानी जाती हैं। वो पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की पत्नी हैं। अपनी गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि ये उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। अनुभा ने आरोप लगाया कि ये सब बीजेपी उम्मीदवार गौरीशंकर बिसेन के इशारे पर हो रहा है।
ये है पूरा मामला
पुलिस के अनुसार सपा प्रतयाशी अनुभा मुंजारे के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 2013 चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन के दो मामलों में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनकी कोर्ट से जामानत होगी। मुंजारे शहर में ईद मिलादुनबी के जुलूस का स्वागत करने काली पुतली चौक पहुंची थी| जहां अनुभा मुंजारे को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह मामला कोर्ट में चल रहा था कोर्ट ने 16 नवम्बर को वारंट जारी किया, जिसके चलते अनुभा मुंजारे को धारा आईपीसी की धारा 188 के तहत आज गिरफ्तार किया गया| वही दूसरी तरफ अनुभा के पति कंकर मुंजारे बालाघाट जिले के बैहर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी है और आज ही लालबर्रा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधयक्ष अखिलेश यादव की आमसभा भी है। अखिलेश की सभा से पहले ही मुंजारे की गिरफ्तार पर समर्थक नाराज है| वहीं अनुभा मुंजारे ने इस कार्रवाई पर गौरीशंकर बिसेन पर सीधा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुझे पांच साल में क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया, 2013 के मामले में अब गिरफ्तारी होना मेरे खिलाफ साजिश का परिणाम है।