बालाघाट, सुनील कोरे। शिकायकर्ता रोजगार सहायक को ही नौकरी सेवा समाप्ति की धमकी देकर 15 हजार रूपये की मांग करने वाले खंड पंचायत अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए किरनापुर जनपद कार्यालय में गिरफ्तार किया है। आवेदक भोजलाल कोड़ापे ने पंचायत की महिला सरपंच प्रमिला अनमोले के पति मोहपत अनमोले द्वारा शासकीय कार्यो में हस्तक्षेप और अनावश्यक बिलों को पास करने का दबाव बनाये जाने की शिकायत सीईओ के व्हाट्सअप नंबर पर की थी। जिसकी शिकायत की जांच के लिए सीईओ ने खंड पंचायत अधिकारी छगन बिसेन को निर्देशित किया था। जब खंड पंचायत अधिकारी जांच करने पंचायत कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने शिकायकर्ता रोजगार सहायक की शिकायत पर एकतरफा कार्यवाही कर उल्टा उसे ही नौकरी समाप्ति की धमकी देकर उससे 15 हजार रूपये की मांग की। जिस पर आवेदक रोजगार सहायक भोजलाल कोड़ापे द्वारा इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस को 16 नवंबर को की गई थी।
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जिस शिकायत की पुष्टि के बाद आज लोकायुक्त पुलिस ने योजनाबद्व तरीके से आवेदक रोजगार सहायक भोजलाल कोड़ापे को 10 हजार रूपये की रकम लेकर भिजवाया। जैसे ही रोजगार सहायक ने खंड पंचायत अधिकारी छगन बिसेन को रिश्वत की रकम दी, लोकायुक्त पुलिस ने उसे धर दबोचा। जिसके पास से लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत की 10 हजार रूपये की रकम बरामद की। जनपद कार्यालय में एकाएक लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही से हड़कंप मच गया और कार्यालय समय पर उपस्थित कर्मचारियों के बीच चर्चा गर्म होने लगी। शिकायकर्ता रोजगार सहायक भोजलाल कोड़ापे ने बताया कि खंड पंचायत अधिकारी द्वारा कार्यवाही किये जाने की धमकी देकर 15 हजार रूपये की डिमांड की थी और जब वह जनपद कार्यालय आता था तो हर बार खंड पंचायत अधिकारी छगन बिसेन उसे रूपये की डिमांड करता था। जिसके चलते उसने पहले 2 हजार रूपये खंड पंचायत अधिकारी को दिये थे, जिसके बाद भी तंग करने पर उसने उसकी लोकायुक्त पुलिस से की थी और लोकायुक्त पुलिस के निर्देश पर आज खंड पंचायत अधिकारी को 10 हजार रूपये देने आया था।
लोकायुक्त निरीक्षक कमलसिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता रोजगार सहायक भोजलाल कोड़ापे ने खंड पंचायत अधिकारी द्वारा नौकरी से सेवा समाप्ति की धमकी देकर 15 हजार रूपये रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। जिस शिकायत की पुष्टि होने पर 23 नवंबर को जनपद कार्यालय में खंड पंचायत अधिकारी छगन बिसेन को 10 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला कायम कर विवेचना में लिया गया है।
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बताया जाता है कि खंड पंचायत अधिकारी छगन बिसेन, पूर्व में वारासिवनी जनपद पंचायत कार्यालय में पदस्थ थे। जहां भी वे काफी चर्चित रहे। वर्तमान में खंड पंचायत अधिकारी किरनापुर जनपद पंचायत में कार्यरत थे, लेकिन अपनी कार्यप्रणाली के चलते यहां वे धराये गये। लोकायुक्त पुलिस की इस कार्यवाही में लोकायुक्त पुलिस निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक नरेश बेहरा, आरक्षक अतुल श्रीवास्तव, सोनू चौकसे, जुबेद खान और जीत सिंह की भूमिका सराहनीय रही।