रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया बीएमओ बैहर का बाबू, इस काम के एवज में मांगे थे 50 हजार रुपए, लोकायुक्त पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई

लोकायुक्त पुलिस ने दोनों आरोपी बाप व बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।

Amit Sengar
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Lokayukta Action : प्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर सरकार लगातार शिकंजा कस रही है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर रही है लेकिन इसके बावजूद भी रिश्वतखोरी के मामले कम नहीं हो रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले का है जहाँ जबलपुर लोकायुक्त टीम ने बैहर खंड चिकित्सा अधिकारी के बाबू प्रवीण जैन और उसके पुत्र प्रिंस जैन को 30 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।

पीड़ित ने जबलपुर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ऑफिस में दिया आवेदन

डीएसपी दिलीप झरवडे ने बताया कि फरियादी डॉ. दिनेश कुमार मरकाम ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत की थी। जिसमें बैहर खंड चिकित्सा अधिकारी के बाबू द्वारा रिश्वत की मांग की गई थी।

बीएमओ बैहर के बाबू ने मांगी 50 हजार रुपये की रिश्वत

आवेदक डॉ. दिनेश कुमार मरकाम ने आवेदन में बताया कि वह बीईएमएस सीसीएस से रजिस्टर्ड होकर (जन स्वास्थ्य रक्षक) के रूप प्रैक्टिस करता है उसकी ग्राम गढ़ी में संजीवनी दवाखाना के नाम से क्लीनिक है। जिसमें 23 दिसंबर को बीएमओ कार्यालय बैहर की टीम ने छापा मारकर क्लीनिक में सील कर दिया गया था। टीम में बीएमओ कार्यालय के बाबू प्रवीण जैन द्वारा चाबी अपने पास रख ली गई थी। जिसके बाद उसने डॉ. मरकाम को क्लीनिक की चाबी वापस करने के एवज में 50 हजार रूपए की रिश्वत की मांग की थी। आवेदक ने लोकायुक्त जबलपुर को शिकायत की।

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रिश्वत (Bribe) लेते बीएमओ बैहर के बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार

शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने इसकी जांच की और सत्यता प्रमाणित होने पर एक ट्रैप दल बनाया, गुरुवार को निर्धारित समय पर आवेदक ने सिविल अस्पताल के सामने आवासीय परिसर में बीएमओ बैहर के बाबू प्रवीण जैन और उसके पुत्र प्रिंस जैन को जैसे 30 हजार रुपये दिए। वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने भ्रष्टाचारी बाप व बेटे को रंगे हाथों पकड़ा लिया। इस पूरे मामले में दोनों आरोपी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।

बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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