छात्र की मौत का मामला, परिजनों का आरोप-प्राचार्य और शिक्षकों की प्रताड़ना से छात्र ने किया सुसाइड

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BALAGHAT NEWS : बालाघाट के  शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला समनापुर के 12 वीं कृषि संकाय के छात्र नील बछले के आत्महत्या प्रकरण में परिजनो, ग्रामीणों और छात्रों ने शाला प्राचार्य और दो शिक्षकों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। जिसको लेकर शनिवार को  परिजनों, ग्रामीणों और छात्रो ने समनापुर में प्रदर्शन किया और मुख्यालय में पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा।

दी आंदोलन की चेतावनी 

कार्रवाई नहीं होने पर आगामी 13 सितंबर को चक्काजाम और बंद आंदोलन की चेतावनी दी है। दूसरी ओर इस मामले में प्राचार्य सुजाता बांगरे ने आरोपो को निराधार और छात्र की मौत पर दुःख जाहिर करते हुए बताया कि छात्र ने पारिवारिक विवाद में आत्महत्या की है।

यह था घटनाक्रम 
घटनाक्रम के अनुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय समनापुर में 12 वीं कृषि संकाय में अध्ययनरत छात्र 17 वर्षीय नील बछले ने गत 28 अगस्त को जहरीली दवा का सेवन कर लिया था। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसकी 30 अगस्त की सुबह मौत हो गई थी। जिसको लेकर 09 सितंबर को समनापुर में परिजनों, ग्रामीणो और स्कूली छात्रो ने प्रदर्शन कर छात्र नील बछले को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप स्कूल प्राचार्य सुजाता बांगरे और दो शिक्षकों श्री नगपुरे और श्री बारमाटे पर लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों पर कार्यवाही किये जाने की मांग की है।

पिता का आरोप 
पिता उमाशंकर बछले की मानें तो वे घटना के दौरान बाहर थे, पत्नी से बेटे द्वारा जहरीली दवा खाने की सूचना मिली। जिसके बाद वे आये थे। बेटे और उसके दोस्तो से पता चला था कि प्राचार्य और शिक्षक बारमाटे एवं नगपुरे द्वारा उसे अलग कमरे में ले जाकर प्रताड़ित किया जाता था। जिसकी वजह से बेटे ने जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में हमने छात्रों के साथ ग्रामीण थाना में शिकायत भी की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से आज उन्हें बेटे को न्याय दिलाने यह आंदोलन करना पड़ा। हमारी मांग है कि मामले की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जाये।
ग्रामीण रजत दशहरे ने बताया कि नील बछले एक अच्छा छात्र था, जो लगातार स्कूल जाता था लेकिन उसे स्कूल में काफी प्रताड़ित किया गया। जिसके कारण उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उसकी आत्महत्या के लिए प्राचार्य और दो शिक्षक की प्रताड़ना ही मुख्य कारण है। जिसको लेकर हमने विगत 15 अगस्त को स्कूल में चर्चा भी की थी लेकिन स्कूल प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया। इससे पूर्व भी स्कूल से बालिकाओं के अपह्रत होने की घटना घटित हो चुकी है। स्कूल में जब तक यह प्राचार्य और शिक्षक है, स्कूल का उद्धार संभव नहीं है। हमारी मांग है कि प्राचार्य और दोनो शिक्षकों पर कार्रवाई हो और यदि कार्रवाई नहीं होती है तो हम आगामी 13 को बंद और चक्काजाम आंदोलन करेंगे।

मृतक छात्र के साथियों का आरोप 
साथी छात्र भानु उपवंशी न बताया कि हम साथी को न्याय देने की मांग कर रहे है। उसे ऑफिस मे ले-जाकर इतना प्रताड़ित किया जाता था कि वह मरने की बात हमेशा कहता रहता था और उसने वही किया। उसके स्कूल पहुंचने पर गेट से ही वापस कर दिया जाता था। हम चाहते है कि हमारी साथी को न्याय मिले।

प्रबंधन का जवाब 

स्कूल प्रबंधन और जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि बच्चों को मारना मना है, हम केवल अनुशासन के लिए बच्चों को डांटते है। जो आरोप परिजन, छात्र और ग्रामीण लगा रहे है वह निराधार है। छात्र नील एक अच्छा छात्र था। जिसकी मौत पर शाला परिवार दुःखी है लेकिन स्कूल में एक छात्रा के बैग में मोबाईल रखने के मामले की साथी छात्रों से ही मिली जानकारी के बाद हमने लड़की के पिता और लड़के की मां को समझाया था। साथ ही बच्चों पर ध्यान देने की बात कही थी। छात्र नील की मां ने बताया था कि उनके पारिवारिक झगड़े चल रहे है। जिससे नील परेशान रहता है। उसने बताया था कि उसकी देवरानी ने उसे जांघ में काट लिया है और पति को काटा है। फिलहाल वह उनका आपसी पारिवारिक मामला था, इसलिए हमने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। नील 18 अगस्त से 24 अगस्त तक स्कूल नहीं आया था। 25 अगस्त को वह स्कूल आया। जिसके बाद वह फिर कभी स्कूल नहीं आया। उसके जहर खाने की वजह को लेकर जो आरोप है वह गलत है। इस मामले में अब तक स्कूल की ओर से हमें कोई जानकारी नहीं मिली है। आज मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिल रही है। यदि ऐसी कोई घटना हुई है तो इस मामले में संस्था प्रमुख से जानकारी ली जायेगी और जरूरत पड़ी तो मामले की जांच भी की जायेगी।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट 


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Sushma Bhardwaj

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