हाथरस रेप को लेकर कांग्रेस का मौन प्रदर्शन, टाइमपास करने एक दूसरे से बतियाते रहे कांग्रेसी

Gaurav Sharma
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बालाघाट, सुनील कोरे। पूरे देश में उत्तरप्रदेश के हाथरस की बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के बाद अर्द्धरात्रि में उसके शव को बिना परिवार की सहमति और मौजूदगी में अंतिम संस्कार की घटना ने लोगों को आंदोलित कर दिया हैं। हाथरस की घटना को लेकर पूरे प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस लगातार प्रदर्शन कर रही है। इसके अलावा अन्य राजनैतिक दल और सामाजिक संगठन घटना के विरोध में अपनी-अपनी तरह से प्रदर्शन कर पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग कर रहा है। विरोध में सबसे आगे खड़ी दिखाई दे रही कांग्रेस पार्टी ने अब पूरे प्रदेश में अपना मोर्चा खोल दिया है।

इसी क्रम में प्रदेश संगठन के निर्देश पर पूरे प्रदेश में 5 अक्टूबर सोमवार को कांग्रेस द्वारा मौन प्रदर्शन किया गया। दो घंटे के इस मौन व्रत प्रदर्शन का आयोजन कांग्रेस द्वारा बालाघाट के हनुमान चौक में गांधी प्रतिमा के सामने किया गया, लेकिन इस मौन व्रत प्रदर्शन, केवल दिखावा ही नजर आया। मौन व्रत पर बैठे कांग्रेसी टाईमपास करते हुए एकदूसरे से बतियाते और मोबाइल चलाते नजर आये। हनुमान चौक के गांधी प्रतिमा के सामने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेतागण है जो हाथरस में घटी घटना के विरोध में मौन व्रत में बैठे थे। जिसमें कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सहित अन्य नेता हाथ में काली पट्टी बांधकर आपस में बातचीत करते दिखाई दिये। इस संबंध में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विश्वेस्वर भगत से इस संबंध में पूछा गया तो वे इसका माकूल जवाब नहीं दे पाए।

कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष विश्वेश्वर भगत के नेतृत्व में किये गये मौन व्रत प्रदर्शन में कांग्रेसी काली पट्टी बांधे और मुंह मॉस्क से ढंके हुए थे, लेकिन उनकी आपसी में बातचीत और मोबाइल पर सर्फिंग और बोलचाल चालु रही। हाथरस की घटना को लेकर मौन प्रदर्शन में बैठक कांग्रेस जिलाध्यक्ष विश्वेश्वर भगत ने कहा कि हाथरस की घटना में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाये उन्हें संरक्षण देने का काम किया। सामूहिक दुष्कर्म मामले में साक्ष्य छिपाने की मंशा से सरकार के ईशारे पर यूपी पुलिस ने दुष्कर्म पीड़ित की मौत के बाद रात के अंधेरे में पीड़िता के परिवार की मर्जी के बिना उसका अंतिम संस्कार कर सारे सबूतों को नष्ट कर दिया। जिसकी पूरे देश में निंदा हो रही है और कांग्रेस भी इस घटना की घोर निंदा करती है।

हाथरस रेप को लेकर कांग्रेस का मौन प्रदर्शन, टाइमपास करने एक दूसरे से बतियाते रहे कांग्रेसी

महिलाओं और बेटियों के साथ भाजपा शासित प्रदेशों में दिनों दिन घटनायें बढ़ रही है, न केवल उत्तरप्रदेश अपितु मध्यप्रदेश के खंडवा, खरगौन, कटनी, जबलपुर जैसे अन्य जिलो में भी इसी तरह की घटनाओं में प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने आरोपियों को संरक्षण देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हाथरस की घटना से भाजपा का चाल, चरित्र उजागर हो गया है, वह किस तरह से माता, बहनों के प्रति होने वाले अमानवीय कृत्यों पर पर्दा डालकर आरोपियों को संरक्षण देने की मांग कर रही है। दो घंटे के मौन व्रत के बाद कांग्रेसियों ने कलेक्टर दीपक आर्य को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कांग्रेस ने हाथरस की घटना में शामिल सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करके फांसी दिये जाने की मांग की। इस प्रदर्शन में कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजा सोनी, कैलाश साहु, सुशील पॉलीवाल, महिला नेत्री श्रीमती अंजु जायसवाल, अल्लारक्खा, शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष श्याम पंजवानी, शहनाज खान, वारासिवनी पूर्व नपाध्यक्ष विवेक विक्की पटेल, प्रवक्ता विशाल बिसेन, नीटु कौशल, जीतु बर्वे, किसान कांग्रेस प्रदेश सचिव अंशुल अवस्थी, सुकदेवमुनी कुतराहे, नीटु कौशल, विजय अगव्राल, श्री डहरवाल, श्री शुक्ला, पन्नालाल कुतराहे सहित अन्य कांग्रेसी शामिल रहे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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