बालाघाट। सुनील कोरे। मार्च बुधवार तक सभी दुकानें एवं बसों को बंद रखा जायेगा। जिले की जनता से भी अपील की गई है कि वह इस अवधि में अपने घर में ही रहे और बाहर न निकलें। यह निर्णय आज 21 मार्च को कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में हुई अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों की बैठक में लिया गया।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिंह, येशन के पदाधिकारी, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि, खेल संघों के पदाधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर दीपक आर्य ने बैठक में कहा कि हमारे देश में कोरोना संक्रमण की तृतीय स्टेज अब आने वाली है और इसे रोकना बहुत जरूरी है। बालाघाट जिले के पड़ोसी शहर नागपुर, जबलपुर एवं रायपुरहमारे बालाघाट जिले के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में हम चीन एवं इटली से मुकाबला नहीं कर सकते है। अत: कोराना संक्रमण को रोकने के लिए सावधानी एवं सर्तकता ही सबसे बड़ा उपाय है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से डरने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है। जरूरत है तो केवल सावधानी एवं सर्तकता बरतने की और भीड-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने की। नागरिकों को चाहिए कि वे बैंक ने जायें बल्कि आनलाईन ट्रांसेक्शन का उपयोग करें।
कलेक्टर श्री आर्य ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति विदेश यात्रा करके जिले में आया है तो, वह उसे छुपाये नहीं, बल्कि स्वयं को आम जनों की भीड़ से अलग रखे और कम से कम 15 दिनों के लिए अपने घर पर ही रहे। जिले के 19 ऐसे लोगों की सूची भी तैयार की गई जो हाल ही में विदेश से लौटे है, लेकिन सावधानी नहीं बरत रहे है और आम जनों से सामान्य तरह से मिल-जुल रहे है। इन लोगों से अपील की गई है कि वे 15 दिनों के लिए अपने घर पर ही रहे और स्वयं को आईसोलेशन में रखें। यदि ये व्यक्ति जिला प्रशासन को सहयोग नहीं करेंगें तो उन्हें जबरन जिला चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया जायेगा।
बैठक में तय किया गया कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के साथ ही जिले में तीन और दिन अर्थात 25 मार्च तक सभी दुकानें और बाजारों, बसों, होटलों, रेस्टारेंट, चाय-पान दुकानों, सेलून को बंद रखा जायेगा। इस अवधि में होम डिलेवरी जैसी सेवायें जैसे दूध विक्रेता, हाथठेले पर सब्जी बचने वाले अपना काम कर सकते है। इस अवधि के लिए लाज, होटलें एवं रिसोर्ट में बुकिंग बंद रखने का निर्णय भी लिया गया। इस अवधि में बसों का संचालन भी बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस अवधि में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी शासकीय एवं प्रायवेट निर्माण कार्य भी नहीं चलेगा, सभी निर्माण कार्य बंद रखे जायेंगें। बालाघाट में रेंजर्स कालेज, मोती गार्डन एवं अन्य स्थानों पर होने वाली मार्निंग वाक एवं ईवनिंग वाक, मुलना स्टेडियम एवं उत्कृष्ट स्कूल ग्राउंड में खेल गतिविधियों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। मंदिरों में पूजा के समय एवं मस्जिदों में नमाज के समय होने वाली भीड़ को रोकने के लिए इस अवधि में मंदिर एवं मस्जिदों को भी बंद रखने कहा गया है। कलेक्टर श्री आर्य ने जिला प्रशासन के इस निर्णय को अमल में लाने के लिए आम नागरिकों से सहयोग की अपील की और कहा कि आम जनता एवं समाज के लिए यह बहुत बड़ा योगदान होगा।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बैठक में बताया कि 22 से 25 मार्च तक बसों का संचालन बंद रहेगा। लेकिन किसी व्यक्ति को जिले में आने से नहीं रोका जायेगा। जिन व्यक्तियों का गांव या घर बालाघाट जिले में है, स्वभाविक है कि वे इस स्थिति में अपने घर लौटेंगें। लेकिन उन्हें घर लौटने के बाद स्वयं को 15 दिनों तक आम लोगों से अलग रखना होगा और अपना मिलना-जुलना बंद रखना होगा। बाहर से आने वाले व्यक्तियों को सर्दी-खांसी बुखार के लक्षण हो तो उन्हें अस्पताल में आकर अपनी जांच कराना चाहिए। कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ रही श्रृंखला को तोड़ने के लिए यह बहुत जरूरी है।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिंह ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा के सभी काम बंद कर दिये गये है। ग्रामीण जनता से भी अपील की गई है कि वे विवाह, सगाई, तेरहवीं आदि कार्यक्रमों में शामिल होने से परहेज करें। गांव में किसी भी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण होने पर पंचायत के सचिव को इसकी सूचना अपने क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देने कहा गया है। ऐसे मरीज को आईसोलेशन में रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि मास्क एवं सेनेटाईजर के लिए परेशान होने की कोई जरूरत नही है। मास्क केवल उसी व्यक्ति को लगाना है, जो कोरोना संक्रमण का संभावित मरीज है। सामान्य व्यक्ति को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। सेनेटाईजर के स्थान पर साबुन का उपयोग करें और बार-बार साबुन से अच्छी तरह से हाथों को साफ करें।