पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ नक्सली क्षेत्र में है, जो तेंदुपत्ता फड मुंशी के पास पहुंच रहे है। जिसके बाद सुरक्षाबलों को जंगल में सर्चिंग के लिए रवाना किया था। रात में जंगल में एक स्थान पर ठहरे जवानों ने जब थोड़े नजदीक रोशनी दिखाई दी। जिस पर सुरक्षाबलों ने आवाज लगाई तो उस ओर से सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसके जवाब मंे सुरक्षाबलों ने भी फायरिंग की। जिसके कुछ देरबाद फायरिंग बंद हो गई। जब सर्चिंग कर रही टीम उक्त स्थल पहुंची तो वहां कोई नहीं था। सर्चिंग टीम को स्थल से एक मोबाईल फोन मिला है। जिसे सुरक्षाबलों ने जब्त कर लिया है।
पुलिस का मानना है कि सुरक्षाबलों पर फायर करने वाले मलाजखंड दलम के नक्सली थे। जिसकी संख्या लगभग 13 से 15 थी। घटना के बाद पुलिस ने पूरे जंगल में सर्चिंग अभियान को तेज कर दिया है और सुरक्षाबलों की चार और पाटियों को जंगल की सर्चिंग के लिए आज सुबह ही रवाना किया गया।
गौरतलब हो कि विगत 15 मई को हट्टा थाना क्षेत्र के किन्ही चौकी के जंगल में नक्सलियों द्वारा की गई गोलीबारी में एक जवान घायल हो गया था। जिसके आठ दिनों बाद मलाजखंड थाना अंतर्गत पाथरी में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों पर की गई फायरिंग की घटना से माना जा रहा है कि जिले के भीतर नक्सलवाद कहीं ना कहीं एक बार फिर अपनी जड़े मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। वहीं दूसरी ओर वर्षों से खामोश हो चुके मलाजखंड दलम के सक्रिय होने की जानकारी मिल रही है।
मिली जानकारी अनुसार मलाजखंड थाना अंतर्गत पाथरी चौकी के जंगल में बीते 23 मई की रात को नक्सलियों ने सुरक्षाबलो की आहट मिलने के बाद कई राउंड फायर किये। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि 23 मई की रात को पाथरी चौकी अंतर्गत जंगलों में सर्चिंग करने पहुंची टीम पर नक्सलियों की ओर से गोलीबारी की गई। जिसका जवाब भी सुरक्षाबलों ने दिया है। जिसके बाद से सुरक्षाबल द्वारा जंगलो में सर्चिंग तेज कर दी गई है।
लगभग 7 वर्ष तक नक्सलवाद खामोश था। इसी तरह मलाजखंड थाना क्षेत्र में भी नक्सलियों की आमद तो दर्ज होते रही है लेकिन फायरिंग जैसी घटना नहीं हुई है। जिससे इस बात का संदेह पुलिस प्रशासन द्वारा व्यक्त किया जा रहा हैं कि मलाजखंड दलम का एरिया है तो फिर यही दलम दोबारा सक्रिय तो नहीं हो गया। हालांकि पूर्व के घटनाक्रम पर गौर करे तो हर घटना के बाद नक्सलियों द्वारा उसकी जिम्मेदारी ली जाती है और पर्चा फेंके जाते है। लेकिन किन्ही की घटना के बाद नक्सलियों की ओर से ऐसा नहीं किया गया। अब देखना यह है कि पाथरी चौकी के जंगलों में हुई गोलीबारी पर नक्सलियों का क्या रुख रहता है।
इनका कहना है
मलाजखंड थाना अंतर्गत पाथरी के जंगल में बीते 23 मई की रात सर्चिंग करने पहुंची टीम पर नक्सलियों की ओर से फायरिंग की गई। जिसका जवाब सुरक्षाबलों ने दिया है। हमें जानकारी मिली थी कि नक्सली तेंदुपत्ता फड़ मंुशी के पास पहुंच रहे है। जिसे देखते हुए दिन में सुरक्षाबलों को जंगल में सर्चिंग के लिए रवाना किया गया था, लेकिन दिन में कोई आमना सामना नहीं हुआ। रात लगभग 11.30 बजे जहां सुरक्षाबल के जवान सर्चिंग के बाद रेस्ट कर रहे थे। उससे कुछ दूरी पर दिखाई दे रही रोशनी के बाद जब सुरक्षाबलों ने आवाज दी तो दूसरी ओर से फायरिंग शुरू हो गई। जिसका सुरक्षाबलों ने भी कड़ा जवाब दिया है। जिसमें किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है। सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों को एक मोबाईल फोन मिला है। मुठभेड़ की घटना के बाद जंगल में सर्चिंग के लिए चार और पार्टियों को रवाना किया गया है। पता चला है कि मलाजखंड दलम के नक्सली ग्रुप में लगभग 13 से 15 नक्सली थे। मामले में सुरक्षाबलों पर हमला करने वाले नक्सलियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्व कर विवेचना मंे लिया गया है।
-अभिषेक तिवारी, पुलिस अधीक्षक