बालाघाट/सुनील कोरे
बालाघाट में सरस्वती नगर निवासी एक पिता सुनील जायसवाल ने ही अपने पुत्र प्रतीक की हत्या की थी। निर्दयी पिता ने वैनगंगा नदी में पुत्र को नहाने के बहाने ले-जाकर, छोटे पुल पर बने स्टॉपडेम के पास ठहरे पानी में डुबोकर उसकी हत्या कर दी और उसके गले में पट्टा बांधकर स्टॉपडेम में लगे लोहे के पट्टी के कुंदे में लटका दिया ताकि मृतक बालक का शव बाहर नहीं आ सके। इसके बाद थाने पहुंचकर उसने आत्मसमर्पण कर दिया।
29 मई को छोटे पुल के नीचे बनाये गये स्टॉपडेम में मिले 8 वर्षीय बालक प्रतीक पिता सुनील जायसवाल को पुलिस ने प्रेस के सामने पेश किया। कोतवाली में आयोजित प्रेसवार्ता में सीएसपी सुमित केरकट्टा ने बताया कि घटना के बाद आरोपी पिता सुनील जायसवाल से पूछताछ की गई थी जिसमें आरोपी पिता ने बताया कि वह काम धंधा नहीं करता था, जिसके कारण परिवार का पालन-पोषण नहीं कर पाने की वजह से वह परेशान था। इसी परेशानी के चलते शुक्रवार को लगभग 11.30 बजे वह अपने वाहन से बेटे प्रतीक को वैनगंगा नदी के छोटे पुल में गया। जहां छोटे पुल में पानी रोकने गये बनाये गये स्टॉपडेम के बीच में बेटे को गहरे पानी में डुबोया, जिसके बाद बेटे का शव बाहर दिखाई नहीं दे इसलिए अपनी पेंट का पट्टा निकालकर मृतक बेटे के गले में बांधकर उसे स्टॉपडेम के लोहे की पट्टी के कुंदे में लटका दिया था। आरोपी पिता की पुत्र की हत्या की स्वीकारने के बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपी पिता सुनील जायसवाल को गिरफ्तार कर उसे न्यायालय में पेश किया जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
थाने पहुंचकर चाचा ने दी भाई के द्वारा पुत्र की हत्या किये जाने की सूचना
बताया जाता है कि आरोपी पिता सुनील जायसवाल शुक्रवार सुबह लगभग 11.30 बजे पुत्र को नहाने के बहाने वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर लेकर गया था। जहां छोटे पुल पर बने स्टॉपडेम में पुत्र प्रतिक की पानी में डुबोकर हत्या करने के बाद पुत्र के शव के गले में पट्टा बांधकर स्टॉपडेम में लटकाये जाने के बाद आरोपी पिता सुनील जायसवाल घर पहुंचा। इस बारे में उसने खुद अपने घरवालों को बता दिया जिसके बाद आरोपी पिता सुनील जायसवाल को लेकर भाई सुजीत जायसवाल थाने पहुंचे, जहां सुजीत जायसवाल ने पुलिस को बताया कि उसके भाई सुनील जायसवाल ने बताया कि उसने वैनगंगा नदी में वैनगंगा नदी के छोटे पुल के नीचे बने स्टॉपडेम में रूके पानी के बीचो-बीच पुत्र प्रतिक जायसवाल को डुबोकर मार डाला है। जिसके बाद पुलिस ने तत्काल ही वैनगंगा नदी के छोटे पुल में पहुंचकर पुलिस ने मृतक बालक प्रतीक जायसवाल का शव बरामद किया था।
दिमागी हालत भी ठीक नहीं
बताया जाता है कि आरोपी सुनील जायसवाल की दिमागी हालत भी ठीक नहीं है। एक हादसे के बाद सिर पर गंभीर चोटें आने और उसके इलाज के बाद से वह लगातार मानसिक रूप से अस्वस्थ्य था जिसका इलाज भी चल रहा था। जिसके बाद वह कोई काम धंधा नहीं करता था और अपने भाइयों पर आश्रित था।
पुलि की सराहनीय भूमिका
घटना के बाद मामले को तत्परता से सुलझाने में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और निर्देशन में थाना प्रभारी विजयसिंह परस्ते, उपनिरीक्षक संदीप चौरसिया, वीरेश कुशवाह, आर.के. दांगी, परिवीक्षाधीन उपनिरीक्षक दीपिका सिंगौर, प्रधान आरक्षक भूमेश्वर वामनकर, आरक्षक गजेन्द्र माटे, शैलेष गौतम, संजय भगत, पवन, सुरेन्द्र पारधी, प्रमोद राठौर, राजेश सोनी, दिनेश कुमरे, राम रावेट और जयपाल निकुरे का सराहनीय सहयोग रहा।
इनका कहना है
आरोपी पिता को लेकर उसके भाई ने थाना पहुंचकर घटना की सूचना दी थी। जिसके बाद बालक के शव को वैनगंगा नदी के छोटे पुल के नीचे बनाये गये स्टॉपडेम से बरामद किया था। जिसकी पीएम रिपोर्ट में बालक के पानी में डुबने से मौत होने की बात सामने आई थी। मामले में प्रारंभिक शक के आधा र पर आरोपी पिता से पूछताछ की गई। जिसमें आरोपी पिता ने काम धंधे नहीं होने के कारण परिवार का पालन-पोषण ठीक ढंग से नहीं कर पाने के कारण पुत्र की हत्या किये जाना स्वीकार किया। जिसमें आरोपी पिता को गिरफ्तार कर, उसे माननीय न्यायालय में पेश किये जाने के बाद न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया है।
सुमित केरकट्टा, सीएसपी