बालाघाट। सुनील कोरे| बालाघाट जिले (Balaghat) में राईस मिलर्स द्वारा घटिया चांवल सप्लाई किये जाने और पीडीएस (PDS) के माध्यम से उसका वितरण गरीबों में किये जाने के मामले में प्रदेश सरकार (State Government) के निर्देश के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। जहां जिला प्रशासन ने सभी राईस मिलर्स को सील करने की कार्यवाही पूरी कर ली है, वहीं इस मामले में प्रथमदृष्टया सीधे तौर पर शामिल नजर आ रहे 18 राईस मिलर्स एवं 9 कर्मचारियों के खिलाफ एफआरआर के आदेश दिये है। वही सभी 18 राईस मिलर्स के विद्युत कनेक्शन काटने के भी निर्देश दिये है। केन्द्रीय जांच एजेंसी की जांच में जिले में गोदाम में घटिया चांवल भंडारण और पीडीएस से वितरण के बाद जिले की राजनीति भी गर्मा गई है। इस मामले में कांग्रेस, सपा सहित निर्दलीय विधायक ने सीबीआई जांच की मांग की है तो प्रदेश शासन द्वारा मामले की ईओडब्ल्यु की जांच को पर्याप्त बताते हुए कहा कि मामले की जांच में भी जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
उपायुक्त भारत सरकार विश्वजीत हलधर द्वारा 30 जुलाई से 02 अगस्त की अवधि में बालाघाट जिले के गोदामों एवं उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण किया गया है। जिसमें बालाघाट जिले के गोदामों में अमानक स्तर का चावल पाया गया है, जो कि मनुष्य के खाने योग्य नहीं था एवं खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के अंतर्गत निम्न श्रेणी का पाया गया है। इस स्थिति को संज्ञान में लेते हुए तत्काल संबंधित राईस मिलर्स से चावल जमा कराने पर रोक लगाई गई है। कलेक्टर दीपक आर्य ने इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी प्रतीत हो रहे 18 राईस मिलर्स के मालिकों एवं वेयर हाउस कारपोरेशन एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 09 कर्मचारियों के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये है।
इनके खिलाफ होगी एफआईआर
अमानक स्तर का चावल प्रदाय करने वाली राईस संचेती राईस मिल वारासिवनी के मालिक गंभीर संचेती, मां दुर्गा राईस मिल वारासिवनी के मालिक भोजेश पारधी, लक्ष्मी राईस उद्योग वारासिवनी के मालिक हुलेश कटरे, संचेती सारटेक्स वारासिवनी के मालिक गौरव संचेती, श्री कुमार राईस मिल नैतरा के मालिक आनंद ठाकरे, आकाश इंडस्ट्रीज वारासिवनी के मालिक गगनदास सोमानी, तोलानी राईस मिल वारासिवनी के मालिक राकेश तोलानी, महालक्ष्मी राईस मिल खमरिया के मालिक खुमान सिंह बिसेन, श्री सिद्धिविनायक राईस मिल खमरिया के मालिक बालकृष्ण बिसेन, बाबा राईस मिल सांवगी के मालिक रविशंकर ठाकरे, बजरंग राईस मिल बैहर के मालिक हृदय शाय हिरवाने, अंबिका राईस मिल बैहर के मालिक राकेश अग्रवाल, सताक्षी राईस मिल बैहर के मालिक आकाश अग्रवाल, चैतन्य प्रसाद अग्रवाल राईस मिल बैहर की मालिक श्रीमती शशिकला अग्रवाल, श्री लक्ष्मी राईस मिल उकवा के मालिक मुकेश अग्रवाल, व्ही.बी. राईस मिल, सीडब्ल्यूसी गर्रा की मालिक श्रीमती बरखा रानी नाग, मां दुर्गा राईस इंडस्ट्रीज सीडब्ल्यूसी गर्रा के मालिक लालचंद धनवानी एवं गीता ट्रेडर्स सीडब्ल्यूसी गर्रा के मालिक दीपक धनवानी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गये है। वहीं अमानक स्तर का चावल प्रदाय करने के लिए जिम्मेदार नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक आर.के. सोनी, क्वालिटी निरीक्षक (तत्कालीन) नागेश उपाध्याय, क्लालिटी निरीक्षक मुकेश कनहेरिया, सी.डब्ल्यू.सी. गर्रा के क्वालिटी निरीक्षक राकेश सेन, एस.एल. द्विवेदी, बैहर के क्वालिटी निरीक्षक लोचन सिंह टेंभरे, सी.डब्लयू.सी. गर्रा के शाखा प्रबंधक विपिन बिसेन, श्वेता वेयर हाउस नेवरगांव के शाखा प्रबंधक उदय सिंह राजपूत एवं एमपीडब्ल्यूएलसी बैहर के शाखा प्रबंधक जितेन्द्र डोंगरे के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गये है। कलेक्टर श्री आर्य ने वारासिवनी, लालबर्रा, परसवाड़ा एवं बैहर के तहसीलदार को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र की इन राईस मिलर्स के मालिकों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध तत्काल थाने में एफआईआर दर्ज करायें और पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। पुलिस अधीक्षक से भी कहा गया है कि 18 राईस मिलर्स एवं 09 कर्मचारियों के विरूद्ध शीघ्र एफआईआर दर्ज करायें।
विद्युत विभाग को राईस मिलर्स के बिजली कनेक्शन काटने के निर्देश
कलेक्टर श्री आर्य ने मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, बालाघाट के अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया है कि वे अमानक स्तर का चावल प्रदाय करने वाली इन 18 राईस मिलों का बिजली कनेक्शन तत्काल काटें और पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
तथ्यों के आधार पर की जायेगी कार्यवाही-एसपी
राईस मिलर्स और नागरिक आपूर्ति निगम, क्वालिटी निरीक्षक सहित शाखा प्रबंधकों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण के आदेश के बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने कहा कि मामले में पुलिस पूरा सहयोग कर रही है। बीती रात से ही राजस्व एवं पुलिस टीम द्वारा गोदामों को सील किया गया है। अपराधिक प्रकरण दर्ज करने से पूर्व कागजात एकत्रित किये जा रहे है, जिसके तथ्यों के आधार पर सभी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा।
विपणन कार्यालय में अधिकारियों ने खंगाली जानकारी
बताया जाता है कि राईस मिलर्स द्वारा गोदामों मंे जमा किये गये घटिया चांवल भंडारण और उसके पीडीएस वितरण का मामला उजागर होने के बाद प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है, गुरूवार को जहां राईस मिलर्स और नागरिक आपूर्ति निगम, क्वालिटी निरीक्षक और शाखा प्रबंधकों के खिलाफ अपराधिक कार्यवाही के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने विपणन कार्यालय पहुंचकर कागजी दस्तावेज को खंगाला गया।
ःःक्या कहते है जनप्रतिनिधिःःः
मिलीभगत से जिले में दिये गये घटिया चांवल भंडारण और वितरण को अंजाम-मंुजारे
मामले की सीबीआई जांच से होगा मिलीभगत का सच उजागर, पूरे जिले में हो रहा भ्रष्टाचार
सपा के क्रांतिकारी नेता एवं पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने निज निवास में आयोजित प्रेसवार्ता मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी से हुए घटिया चांवल भंडारण और वितरण मामले में प्रशासन और सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिले में कोरोना कॉल में गरीबों की थाली में पशुओं के खाने लायक अनाज को गरीबों की थाली में बांटने का काम पूरी मिलीभगत से किया गया है, यह कोई छोटा मामला नहीं है यह राष्ट्रीय स्तर का मामला है, जिसका सच और निष्पक्षता केवल सीबीआई जांच से ही उजागर हो सकती है। इसलिए इस मामले की सीबीआई जांच किया जाना चाहिये। यदि प्रदेश सरकार मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा नहीं करती है तो वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में रिट याचिका पेश करने के साथ ही सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
घटिया चांवल घोटाले मामले की सीबीआई से होगी निष्पक्ष जांच-विशाल बिसेन
ईओडब्ल्यु की जांच में हो सकती है लिपापोती-आरोप, कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
जिले में कोरोना कॉल के दौरान गरीबों के थाली में घटिया और पशुओं के खाने लायक चांवल को पीडीएस के माध्यम से आम गरीबों तक पहुंचाने के मामले के उजागर होने के बाद कांग्रेस प्रदेश सरकार पर आक्रामक हो गई है। जिले में कांग्रेस प्रवक्ता विशाल बिसेन ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच किये जाने की मांग की है और मामले की सीबीआई जांच ही क्यों, इस सवाल को लेकर भी पक्ष रखा है। उनका कहना है कि किसान के धान को चांवल बनाने तक एक पूरी जटिल प्रक्रिया है। जिसमें जिला प्रशासन के अलावा नागरिक आपूर्ति निगम, विपणन अधिकारी, ट्रांसपोर्टर्स और मिलर्स शामिल होते है। इस तरह इस प्रक्रिया में कई विभाग संयुक्त रूप से काम करते है। इसके अलावा मिलिंग करने वाले मिलर्स अधिकारियों से सांठगांठ कर कस्टम मिलिंग के नाम पर मिलर्स बिहार, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के चांवल को सप्लाई करते है। जिससे इस पूरे मामले में विभिन्न विभाग और कई राज्यों के आने वाले चांवल का मामला है, जिससे इसकी निष्पक्ष जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से ही संभव है।
दोषियों पर होगी कड़ी कार्यवाही-मंत्री रामकिशोर कावरे
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण काल के दौरान राशन दुकानों में आम गरीबों की थाली तक पहुंचाये गये चांवल को लेकर केन्द्र सरकार की रिपोर्ट में घटिया चांवल बताये जाने के बाद प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है, जहां विपक्षी दल कांग्रेस और सपा ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है, वहीं सत्ताधारी पार्टी राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे का कहना है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यु के हाथ में सौंपा है, वह सक्षम एजेंसी है और मामले की जांच पूरी निष्पक्षता के साथ होगी और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होगी।
सर्किट हाउस में मामले को लेकर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि इस मामले मंे जैसे-जैसे खुलासा होगा, वैसे-वैसे कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मामले की जांच के साथ-साथ कार्यवाही होनी शुरू हो गई है। उन्होने कहा कि बालाघाट जिले में ऐसा दोबारा न हो, इसका ध्यान रखा जायेगा।
घटिया चांवल घोटाला मामले की हो सीबीआई जांच-प्रदीप जायसवाल
मध्यप्रदेश में सत्ता पलट के बाद भाजपा की सरकार को समर्थन करने के कारण प्रदेश सरकार द्वारा बनाये गये मध्यप्रदेश खनिज निगम अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने बालाघाट और मंडला में पशुओं के खाने लायक चांवल को गरीबों की थाली से बांटने के मामले की जांच सीबीआई से कराये जाने की मंशा जाहिर की है। हालांकि उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा ईओडब्ल्यु की जांच कराये जाने के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाती तो अच्छा होता। उन्होंने कहा कि यह कोई अभी का मामला नहीं है यह विगत पांच-छ वर्षो से चला आ रहा है। केन्द्रीय जांच टीम ने बालाघाट और मंडला के गोदाम में जांच कर घटिया चांवल भंडारण और वितरण का मामला पकड़ा है लेकिन यदि जिले की धान की कस्टम मिलिंग करने वाले गोंदिया के राईस मिलर्स के मिलिंग किये गये चांवल की जांच की जायें तो वहां भी ऐसा ही पाया जायेगा। बालाघाट पहुंचे निगम अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए घटिया चांवल घोटाले को लेकर चर्चा कर रहे थे।