बालाघाट के लांजी में भरमार बंदूक से हत्या बनी पुलिस के लिए चुनौती, हुआ पर्दाफाश

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Balaghat Gun Murder :  लांजी अनुविभाग के किरनापुर थाना के किन्ही चौकी अंतर्गत बोरवन में वृद्ध की हत्या जादूटोने के शक में भरमार बंदूक से की गई थी। यह हत्या पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई दरअसल युवाओं के पास भरमार बंदूक कहां से आई, इसकी पुलिस जांच कर रही थी। नक्सली क्षेत्र में युवाओं के पास से नक्सलियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले भरमार बंदूक का मिलना एक बड़ी चिंता और सुरक्षा का सवाल बन गया, इसके बाद गांव में अवैध हथियारों के होने की आशंका बलवती होने लगी । नक्सली क्षेत्र के बोरवन में विगत 31 दिसंबर की रात्रि हुई सदाराम सिरसाम की हत्या गुत्थी सुलझाये जाने के बाद राहत की सांस ली है। बालाघाट पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ की मानें तो सभी 6 आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें एक अपचारी बालक भी शामिल है। पुलिस ने सभी गिरफ्तार आरोपियों को 10 जनवरी को माननीय न्यायालय और बाल न्यायालय में पेश किया।

ऐसे की हत्या 
कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि 31 दिसंबर 2022 की शाम में हत्यारे युवाओं ने प्लान बनाय और रात्रि लगभग 12 बजे आरोपी सूरजलाल सिरसाम के घर के समीप एकत्रित होकर भरमार बंदूक और लाठी, डंडो के साथ साकरीटोला भाई के घर गये। जहां वृद्ध सदाराम सिरसाम की भरमार बंदूक की गोली से हत्या कर दी और फरार हो गये।
जिसकी जांच के बाद हत्या और आर्म्स एक्ट की धारा 302 भादंवि एवं 25,27 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।
पुलिस केा परिजनों, रिश्तेदारों से मामले की विवेचना के दौरान पूछताछ में मिली जानकारी से सुराग मिला। जिसमें पुलिस के सामने गवाहदारों ने ग्राम के ही लोगों पर संदेह जाहिर किया था। जिसमें संदेही सूरजलाल सिरसाम से पूछताछ में उसने सदाराम सिरसाम की हत्या की घटना में साथियों के किये जाने की बात स्वीकारी। जिसके आधार पर पुलिस ने उसके पांच अन्य साथियो महेश कुमार टेकाम, दिनेश कुमार टेकाम, गणपत मडावी, विजय पंद्रे और एक अपचारी बालक को गिरफ्तार किया। जिसके बाद आरोपियो ने पूछताछ में हत्या की वजह जादूटोना के शक में किये जाने की बात कही। आरोपियों की मानें तो गांव में और रिश्तेदारो में बीमार रहने और इसी दौरान मौत होने से हमें शक था कि सदाराम सिरसाम, जादूटोना करता है, जिसके शक में हमने उसकी भरमार बंदूक से किये जाने की कहानी बताई। जिनके पास से पुलिस ने भरमार बंदूक बरामद की है। हालांकि आरोपियों के अपराधिक रिकॉर्ड की कोई जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

आदिवासियों का परंपरागत हथियार भरमार बंदूक

इसे स्थानीय भाषा में ‘पेनक’ कह कर बुलाया जाता है। जिसे आदिवासी अपना पुरखा मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं। लेकिन वही बंदूक जो कल तक उनकी जंगली जानवरों से रक्षा किया करती थी अब उनके जान की आफत बन गयी है।


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Harpreet Kaur

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