ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवान शुभम राहंगडाले का राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार

Gaurav Sharma
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last rites of martyr jawan

बालाघाट, सुनील कोरे। बालाघाट जिले के वारासिवनी क्षेत्र के कंचनपुर सरंडी निवासी विनोद राहंगडाले के सुपुत्र  शुभम राहंगडाले, पंजाब के जालंधर में भारतीय सेना बीएसएफ में पदस्थ थे। विगत 5 अक्टूबर को ड्युटी के दौरान शुभम राहंगडाले घायल हो गये थे, जिनका सैनिक अस्पताल में ईलाज चल रहा था। जवान शुभम राहंगडाले गत दिवस सैनिक अस्पताल में ईलाज के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गये। जिनके शव को बीएसएफ सैनिको द्वारा गांव सरंडी लाया गया। जहां 16 अक्टूबर को राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान शुभम राहंगडाले का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उन्हें गॉर्ड पर ऑनर दिया गया।

बड़ी संख्या में मौजूद थे लोग 

जिनकी अंतिम यात्रा में वारासिवनी क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जो जवान की शहादत को लेकर जयघोष कर रहे थे। उनके अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होकर खनिज निगम अध्यक्ष एवं विधायक प्रदीप जायसवाल ने शव को कंधा दिया। जिसे हजारों नम आंखो ने अंतिम बिदाई दी। कंचनपुर स्थित मोक्षधाम में शहीद जवान शुभम को उसके पिता और भाईयों ने मिलकर मुखाग्नि दी। इस दौरान उनके पिता और भाईयों के चेहरे में भाई के शहादत के गम के साथ ही देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले भाई के प्रति गर्व भी झलक रहा था।

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जवान ब्लास्ट की चपेट में आने से हुए थे गंभीर रूप से घायल

बताया जाता है कि पंजाब के जालंधर में 5 अक्टूबर को गश्त के दौरान बीएसएफ जवान शुभम लैंडमाईन ब्लास्ट की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गये थे। जिन्हें तत्काल ही सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वह जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। जैसे ही शहीद जवान शुभम का शव गांव पहुंचा, गांव में उसके दोस्तो, रिश्तेदारों और जिले के शहीद युवा के अंतिम दर्शन करने लोगों की भीड़ लग गई। बीएसएफ के वाहन से युवक का शव उतारा गया और परिवार तथा उसके रिश्तेदारों, दोस्तों और लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। वारासिवनी के सपूत शुभम राहंगडाले को आज क्षेत्रवासियों ने गमगीन माहौल में अंतिम विदाई दी। अंतिम विदाई में पहुंचे खनिज विकास निगम अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने शहीद शुभम को श्रद्धांजलि देते हुए पुत्र के चले जाने से दुःखी परिवार को ढांढस बंधाया।

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खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री जायसवाल ने की शोक संवेदना व्यक्त की

मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम के अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने वारासिवनी तहसील के ग्राम कंचनपुर-संरडी के भारतीय सेना में पदस्थ जवान शुभम रहांगडाले के शहीद होने पर उसके अंतिम संस्कार में पहुंचकर उसके शव को कंधा दिया और शोक संवेदना व्यक्त की। श्री जायसवाल ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि देते हुए अपने शोक संदेश में कहा है कि आज देश ने अपना एक वीर जवान खो दिया है। उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जायेगा। शुभम के परिवार को शासन की ओर से हर संभव मदद दिलाने का प्रयास किया जायेगा। दुःख की इस घड़ी में जिले की जनता शुभम के परिवार के साथ खड़ी है।

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कंचनपुर के शहीद जवान को मंत्री श्री कावरे ने दी श्रद्धांजलि

मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री आयुष (स्वतंत्र प्रभार) एवं जल संसाधन विभाग रामकिशोर “नानो’’ कावरे ने वारासिवनी तहसील के ग्राम कंचनपुर-सरंडी के निवासी भारतीय सेना के जवान शुभम रहांगडाले के शहीद हो जाने पर श्रृद्धांजलि दी है और उनके परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। मंत्री श्री कावरे ने अपने शोक संदेश में कहा है कि युवा शहीद शुभम की शहादत को हम शत-शत नमन करते हैं। आपका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस दुखद घड़ी में हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं। मध्य प्रदेश सरकार शहीदों का सम्मान करती है, स्वर्गीय शुभम राहंगडाले की शहादत पर हमें गर्व है और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद के लिए वे स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करेंगे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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