Lok Sabha Elections 2024 Result : भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी को बालाघाट की गद्दी, जिले को मिली पहली महिला सांसद

पार्षद से बालाघाट संसदीय क्षेत्र के इतिहास में पहली महिला सांसद होने का गौरव भी हासिल किया।

Amit Sengar
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Bharti Pardhi

Lok Sabha Elections 2024 Result : मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में 04 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित हो गया है। जिसमें भाजपा की प्रत्याशी भारती पारधी ने 174512 मतों से जीत दर्ज की है, ईव्हीएम और पोस्टल बैलेट की अंतिम मतगणना में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सम्राटसिंह सरस्वार से 174512 मतों से पराजित किया। भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी ईव्हीएम के साथ ही पोस्टल बैलेट और ईटीबीपीएस मत में भी वह आगे रही। पोस्टल बैलेट और ईटीबीपीएस में भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी को 2721 मत मिले। जबकि कांग्रेस को 1815 मत मिले। भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी ने ना केवल संसदीय क्षेत्र में भाजपा की जीत को सुनिश्चित कर संसदीय क्षेत्र से भाजपा की अनवरत जीत को कायम रखा। बल्कि पार्षद से बालाघाट संसदीय क्षेत्र के इतिहास में पहली महिला सांसद होने का गौरव भी हासिल किया।

मतगणना की शुरूआत से ही वह मतों की गिनती में आगे रही। हालांकि बीच-बीच में उनके मत कम होते गए, लेकिन वह मतगणना के पूरे राउंड में कांग्रेस से आगे रही। दोपहर बाद जब भाजपा प्रत्याशी की लीड एक लाख से ऊपर पहुंची तो भाजपा कार्यालय और सड़कों पर भाजपा कार्यकर्ताओं का हुजुम उमड़ पड़ा और लगभग जीत के लिए सुनिश्चित डेढ़ लाख से ज्यादा आंकड़े के बाद भाजपा कार्यालय में जीत की खुशियां मनाई जाने लगी। जीत होने पर भाजपा प्रत्याशी, पार्टी कार्यालय पहुुंची। यहां भाजपा अध्यक्ष रामकिशोर कावरे, विधायक गौरव पारधी, राजकुमार कर्राहे, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, पूर्व नपाध्यक्ष रमेश रंगलानी, अभय सेठिया और भाजपा नेता और पदाधिकारियों ने उनका पुष्पगुच्छ से स्वागत कर मुंह मीठा कराया। तब तक भाजपा कार्यालय में बाजे की आवाज और पटाखों की गूंज, जीत के उत्साह को बयां कर रही थी। चुनाव में जीत होने के बाद ओपन वाहन में विक्ट्री का निशान बनाते हुए भाजपा प्रत्याशी जुलुस के साथ मतदान केन्द्र की ओर रवाना हुई। जिसमें पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल, जिला पंचायत पूर्व प्रधान रेखा बिसेन, युवा नेत्री मौसम हरिनखेड़े भी शामिल हुए।

भाजपा प्रत्याशी की जीत के साथ ही कांग्रेस ने एक बार फिर यह सीट खो दी। हालांकि इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बीते 2019 चुनाव की अपेक्षा अच्छा रहा। वहीं लाखों वोटों से जीतने का दावा करने वाली भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा। अपनी जीत पर मीडिया से चर्चा करते हुए भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी ने अपनी जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी और कार्यकर्ताओं को दिया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता बूथ पर डटे रहे, जिसके कारण ही यह जीत सुनिश्चित हो सकी है। उन्होंने कहा कि जनता की कसौटियो और वरिष्ठो के मार्गदर्शन में बालाघाट को नई उंचाईयों तक ले जाने का वह काम करेगी। पहली ही बार में सांसद बनने और संसदीय क्षेत्र की पहली महिला सांसद बनने पर भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी ने खुशी जाहिर की है।

पहली बार जिला पंचायत, पार्षद और फिर सांसद भी बनी

राजनीतिक पृष्ठभूमिक से आने वाली भारती पारधी की राजनीति की शुरूआत जिला पंचायत सदस्य से हुई है। जिस कार्यकाल के बाद उन्होंने संगठन की राजनीति को ज्यादा महत्व दिया और जिले से लेकर प्रदेश संगठन तक मिली जिम्मेदारियों का कुशलता से निर्वहन किया। संगठन की राजनीति करते हुए वह नगरपालिका परिषद चुनाव में पहली ही बार पार्षद बनी। भारती का भाग्योदय कितना प्रबल है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह पहली ही बार में सांसद भी बन गई। पहली बार जिला पंचायत सदस्य, पहली बार पार्षद और पहली बार सांसद बनने का उन्होंने रिकॉर्ड बनाया है।

लंबे संघर्ष के बाद मिली सफलता

पार्षद से सांसद बनी भारती पारधी का संघर्ष भाजपा राजनीति में लंबे समय से रहा है। संगठन से लेकर उन्हें राजनीतिक रूप से स्वयं को स्थापित करने काफी परिश्रम करना पड़ा लेकिन धैर्य और समय की प्रतिक्षा करने वाली भारती पारधी लड़खड़ाई नहीं और हर राजनीति और संगठन के हर निर्णय को शिरोधार्य कर अपने कदम को आगे बढ़ाया। फिर वह भाजपा संगठन की अध्यक्ष बनने का अवसर हो या फिर नगरपालिका अध्यक्ष। दोनो में ही उसे वरिष्ठो के खातिर, अवसरों को त्यागना पड़ा लेकिन कहते है कि संघर्ष का फल जीवन में अवश्य मिलता है और भारती पारधी उसका एक जीवंत उदाहरण है। जिस तरह से संगठन और राजनीति में उन्होंने संघर्ष किया। उसी का परिणाम है कि उन्होंने जिले की पहली महिला सांसद बनने का गौरव हासिल किया।

प्रत्याशियों को मिले मत

बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र में इस बार 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। 04 जून को मतगणना के बाद भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी को 712660 मत, कांग्रेस प्रत्याशी सम्राटसिंह सरस्वार को 538148 मत, बसपा प्रत्याशी कंकर मुंजारे को 53134 मत, निर्दलीय प्रत्याशी भुवनसिंह कोर्राम को 13074 मत, गांेगपा प्रत्याशी नंदलाल उईके को 12422 मत, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया प्रत्याशी डी.एल. मानेश्वर को 10017 मत, धनेन्द्र देव पंवार बनवारी सेठ को 7245 मत, निर्दलीय महादेव नागदेवे को 7192 मत, निर्दलीय राजकुमार नागेश्वर को 6728 मत, राष्ट्रवादी भारत पाटी प्रत्याशी मोहन राऊत को 3542 मत, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी प्रत्याशी प्रियंका संजय भांडरकर को 2926 मत, मध्यप्रदेश जनविकास पार्टी प्रत्याशी अधि. सत्यप्रकाश सुलखे को 1932 मत और निर्दलीय दिलीप छाबड़ा को 1750 मत मिले है।

08 प्रत्याशियों से ज्यादा नोटा को मिले मत

लोकसभा चुनाव की मतगणना के बाद जो परिणाम सामने आए है, उसमें 11510 लोगों ने नोटा को अपना वोट दिया है। लोकसभा चुनाव में 13 प्रत्याशियो में 8 ऐसे प्रत्याशी है, जिन्हें नोटा से कम मत मिले है। जबकि नोटा को उन 8 प्रत्याशियो से ज्यादा वोट मिले है।

कांग्रेस को छोड़कर सबकी जमानत जब्त

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सम्र्राटसिंह सरस्वार को छोड़कर शेष सभी 11 प्रत्याशियो की जमानत जब्त हो गई है। बताया जाता है कि विजयी प्रत्याशी को मिले कुल मत का 1/6 फीसदी मत हासिल नहीं होता है तो उस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाती है। बालाघाट-सिवनी संसदीय सीट पर 11 ऐसे प्रत्याशी है, जिन्हें 1/6 फीसदी से कम मत मिले है। जिससे सभी 11 प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई है।

शांतिपूर्ण रही मतगणना

जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के नेतृत्व में पूरी मतगणना प्रक्रिया कराई गई। सबसे पहले बैलेट पेपर और उसके बाद ईव्हीएम की गणना की गई। प्रातः 8 बजे से प्रारंभ मतगणना का दौर शाम तक जारी रहा। ईव्हीएम के कुल मतों की घोषणा के बाद पोस्टल बैलेट और ईटीबीपीएस के मतदान का जोड़, प्रत्याशियों के मतों में किया गया। जहां ईव्हीएम को लाने से लेकर गिनने तक की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था दुरूस्त रही। वहीं मतगणना की सुरक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के नेतृत्व में सुरक्षाबल और जिला पुलिस बल की सुरक्षा चाक चौबंध रही।

बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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