Balaghat News : बालाघाट जिले के लांजी थाना के अंतर्गत भक्कुटोला में 2 नवंबर की दरमियानी रात नक्सलियों का आतंक देखने को मिला। दरअसल, नक्सलियों ने गांव के पूर्व सरपंच शंकरलाल पन्द्रे को पुलिस का मुखबिर बताते हुए गोली मार कर हत्या कर दी। बता दें कि घटना की पुष्टि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय डावर ने की है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि इस घटना को किस नक्सली दलम ने अंजाम दिया है लेकिन चुनाव के दौरान इस घटना ने नक्सली साए के आहट का अहसास करा दिया है, जिससे पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई और सर्चिंग अभियान को तेज कर दिया है।
ऐसे घटना को दिया अंजाम
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, घटना गांव के स्कूल चौक के पास की है। जब नक्सलियों ने ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी है। इस घटना से पूरे गांव में सनसनी फैली हुई है। केवल इतना ही नहीं, नक्सलियों ने साथ में पर्चे भी फेंके हैं। मिली जानकारी के अनुसार, लांजी थानांतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कोसमारा के गांव भक्कुटोला में पूर्व सरपंच शंकरलाल पंद्रे की हथियार बंद 4 नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। मृतक की पत्नी कासनबाई पंद्रे ने बताया कि रात 10 बजे के आसपास 4 लोगों ने घर का दरवाजा खटखटाया और मेरे पति का नाम पूछा। जिसके बाद उन लोगों ने उन्हें बाहर आने के लिए कहा। 4 लोगों में एक महिला और तीन पुरुष थे। चारों के पास बंदूक थी। उन्होंने मेरे पति से मोबाइल मांगा। जिसके नहीं मिलने पर पूरे घर की तलाशी ली और पति को घर से ले गए। जिसके लगभग एक घंटे बाद घर से 10 कदम की दूरी पर गोली चलने की आवाज आई। नक्सलियों द्वारा मेरे पति के मुंह में गोली मारी गई है, जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई।
पर्चे में मुखबिरों को दी चेतावनी
वहीं, ग्राम सरपंच दिलीप धनोले ने बताया कि उन्हें ग्रामीणों से सुबह पूर्व सरपंच को नक्सलियों द्वारा गोली मारने की जानकारी से मिली। जिस पर उन्होंने लांजी थाना प्रभारी को इसकी सूचना दी। बता दें कि पर्चे में मुखबिरों को चेतावनी दी है। यही नहीं बल्कि केन्द्र सरकार को पूंजीपति की सरकार बताते हुए पुलिस से दूर रहने और मुखबिरी नहीं करने की बात कही है। नक्सलियों ने कहा है कि यदि किसी गांव में मुखबिरी होती है तो उस व्यक्ति को इसकी सजा के साथ पंचायत के जनप्रतिनिधियों को भी इसका दंड भुगतान होगा।
पुलिस कार्रवाई से बैकफुट में नक्सली
बता दें कि दशकों से नक्सली समस्या से जूझ रहे बालाघाट जिले में बीते और इस वर्ष में पुलिस कार्रवाई से नक्सली बैकफुट में है। ऐसे में नक्सली ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर अपना भय ग्रामीणो में पैदा करना चाहते है, जिसे पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और सकारात्मक प्रयासों से दूर करने का काम किया है। हालांकि, पुलिस का मानना है कि यह नक्सलियों की कायराना हरकत है।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट