बालाघाट, सुनील कोरे| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में बालाघाट (Balaghat) जिले के योग्यता आजीविका स्वयं सहायता समूह की मुखिया मीना रहांगडाले एवं उसके सदस्यों की सराहना की है। मीना रहांगडाले एवं उसके समूह की सदस्य महिलाओं ने कोरोना संकट के समय में हकीकत में ऐसा काम कर दिखाया है, जिससे हर कोई प्रेरणा ले सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके समूह की सराहना किये जाने से मीना रहांगडाले एवं उसके समूह की सभी महिलायें बहुत खुश है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा कि जब मैंने मध्यप्रदेश के जबलपुर की एक खबर देखी तो मुझे लगा कि इसका जिक्र तो मन की बात में जरूर करना चाहिये। ये खबर बहुत प्रेरणा देने वाली है। चीचगांव में कुछ आदिवासी महिलाएं एक राईस मिल में दिहाड़ी पर काम करती थीं। कोरोना महामारी ने जिस तरह दुनिया के हर एक व्यक्ति को प्राभवित किया उसी तरह ये महिलाएं भी प्रभावित हुईं। इनके राइस मिल में काम रुक गया। इससे आमदनी की दिक्कत आने लगी। लेकिन वो निराश नहीं हुईं, उन्होंने हार नहीं मानीं। उन्होंने तय किया कि साथ मिलकर अपनी खुद की राइस मिल शुरू करेंगी। जिस मिल में ये काम करती थीं वो अपनी मशीन भी बेचना चाहती थी। इनमें से मीना राहंगडाले ने सभी महिलाओं को जोड़कर स्व-सहायता समूह बनाया। सभी ने अपनी बचाई हुई पूंजी से पैसा जुटाया। जो पैसा कम पड़ा वो आजीविका मिशन के तहत बैंक से कर्ज ले लिया और अब देखिये इन आदिवासी बहनों ने वही राईस मिल खरीद ली, जिसमें वो काम करती थीं। आज वो अपनी खुद की राईस मिल चला रही हैं। इतने दिनों में इस मिल ने करीब 3 लाख रुपये का मुनाफा भी कमा लिया है। इस मुनाफे से उन्होंने सबसे पहले बैंक का लोन चुकाने और अपने व्यापार को बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं।
बालाघाट जिले के बिरसा विकासखंड के ग्राम चिचगांव की महिलाओं द्वारा योग्यता आजीविका स्वयं सहायता समूह बनाया गया है। बीए तक शिक्षा प्राप्त मीना रहांगडाले इस समूह की मुखिया है। इस समूह की महिलायें अपने गांव से 12 किलोमीटर दूर बिरसा की राईस मिल में काम करने आती थी, लेकिन कोरोना संकट का प्रभाव इस राईस मिल पर भी पड़ा और वह बंद हो गई तो योग्यता समूह की महिलाओं के लिए रोजी-रोटी का संकट आ गया। राईस मिल का मालिक अपनी मिल को बेचना चाहता था। ऐसे में समूह की मुखिया मीना रहांगडाले ने हिम्मत दिखाई और समूह को महिलाओं को अपनी स्वयं की राईस मिल प्रारंभ करने की तैयारी कर ली। समूह की 14 महिलाओं ने 40-40 हजार रुपये जमा कर 05 लाख 60 हजार रुपये की राशि एकत्र की और किसान क्रेडिट कार्ड से लगभग 02 लाख रुपये का ऋण लेकर राईस मिल के लिए मशीन क्रय कर ली।
योग्यता समूह की महिलाओं ने राईस मिल के लिए मशीन तो खरीद ली थी लेकिन मशीन लगाने के लिए स्थान की समस्या खड़ी हो गई थी। ऐसे में मीना रहांगडाले के घर पर मवेशी बांधने के स्थान पर राईस मिल लगाने का निर्णय लिया गया। योग्यता समूह की महिलायें अब राईस मिल का संचालन मालिक बन कर रही है। इन महिलाओं की लगन एवं अथक परिश्रम से समूह को राईस मिल से हर माह अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है।
कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि बालाघाट जिले के बिरसा विकासखंड के ग्राम चिचगांव के योग्यता आजीविका समूह की महिलाओं ने कोरोना संकट काल में बहुत ही अच्छा काम किया है और अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है। बालाघाट जिले में आजीविका मिशन के अन्य समूहों की महिलाओं द्वारा भी अच्छा काम किया जा रहा है। बालाघाट जिला स्त्री-पुरूष लिंगानुपात में 1000 पुरूषों पर 1021 महिलाओं के साथ मध्यप्रदेश में शीर्ष स्थान पर है। पुरूषों की तुलना में अधिक महिलाओं वाले इस जिले में हर क्षेत्र में महिलाओं की अग्रणी भूमिका नजर आ जाती है। प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चिचगांव के योग्यता समूह की मुखिया श्रीमती मीना रहांगडाले की प्रशंसा किया जाना बालाघाट जिले के लिए गर्व की बात है।