बालाघाट, सुनील कोरे। दक्षिण वनमंडल के बालाघाट परिक्षेत्र अंतर्गत राजस्व क्षेत्र रट्टा नाले में दफन किये गये वयस्क नर बाघ के शव को वनविभाग की टीम ने जब्त किया है। हालांकि शव के सभी अंग सुरक्षित है, जिसके बाद वनविभाग की टीम ने नर बाघ की मौत की वास्तविक जानकारी के लिए पशु चिकित्सक टीम से पोस्टमार्टम करवाकर बिसरा बरामद कर लिया है। जिसकी जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चल पायेगा कि आखिर नर वयस्क बाघ की मौत कब और कैसे हुई थी। हालांकि इस मामलें में वन विभाग की टीम ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने स्वीकार किया है कि जंगली सूअर का करेंट से शिकार करने के लिए लागए गए तराओ में यह बाघ फंस गया और इसकी मौत हो गई।
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चूंकि पशु चिकित्सक का कहना है कि नर वयस्क बाघ की मौत जहर खुरानी, करेंट या फिर मौत की वजह और कुछ है, यह बिसरा जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चल पायेगा। चूंकि पीएम में ऐसे कोई सिम्टम्स नहीं मिले है। जिससे मौत की कोई वजह प्रमाणित हो। फिलहाल विभाग इसे करेंट से मौत होना मान रहा है, वनमंडलाधिकारी अमित पटौदी की मानें तो करंट से जंगल सूकर या हिरन के शिकार की मंशा से बिछाये गये करेंट की चपेट में आने से बाघ की मौत हो गई, जिससे घबराये अपराधियों ने यह देखने के बाद बाघ के शव को नाले में दफना दिया। जिसमें बाघ के शव बरामद होने के बाद डॉग स्कॉड की मदद से चार संदेहियों को पकड़ा गया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। चूंकि मृत मिला बाघ की मौत, लगभग दो हफ्ते पुरानी है, जो प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है। फिलहाल इस पूरे मामले में बालाघाट परिक्षेत्र अधिकारी और रट्टा बीट, बीटगार्ड की भूमिका प्रारंभिक रूप से लापरवाह दिखाई दे रही है, चूंकि बाघ के शिकार होने के बाद दो हफ्ते बाद विभाग को पता चल रहा है कि बाघ का शव रट्टा के सूखे नाले में दफन में है।
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मिली जानकारी अनुसार रट्टा के सुखे नाले के पास से आ रही बदबू और रेत से बाहर आते बाघ के अंगो के दिखाई देने के बाद वनअमले को मुखबिर से गत दिवस शाम इसकी सूचना मिली थी। जिसके बाद आनन-फानन में पूरा विभागीय अमला और पशु चिकित्सक वहां पहुंचे और सूखे नाले में दफन शव को खोदकर बाहर निकाला। जहां पशु चिकित्सक डॉ. घनश्याम परते और सहायक सर्जन डॉ. पंकज पुशाम द्वारा उसका शव परीक्षण कर वयस्क बाघ की मौत की वजह जानने के लिए बिसरा बरामद कर एनटीसीए के एसओपी अनुसार मुख्य वनसंरक्षक, वनमंडलाधिकारी, एनटीसीए प्रतिनिधि मृदुला विजयराघवन, पर्यावरण अधिवक्ता, सहायक प्राध्यापक मुकेश बिसेन, डॉ. दुर्गेश अगासे और पशु चिकित्सकों की मौजूदगी में बाघ के शव का अंतिम संस्कार किया गया। वयस्क नर बाघ का शव मिलने के बाद वनविभाग की टीम ने डॉग स्कॉड की मदद से चार पेंदीटोला निवासी मिथुन पिता मेहतरलाल परते, सुनील पिता रतिराम उईके, भंडारखोह निवासी अंकेश पिता हमत मड़ावी और छोटु पिता चुन्नीलाल मड़ावी को पकड़ा है। जिन्होंने स्वीकार किया है कि एक सप्ताह पूर्व विद्युत करंट लगाकर बाघ का शिकार किया था।