MP के इस परिवार ने दान की 11 करोड़ की संपत्ति, पत्नी और 11 साल के बेटे के साथ लेंगे दीक्षा

Atul Saxena
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बालाघाट, डेस्क रिपोर्ट। बालाघाट के एक सराफा कारोबारी ने करोड़ों रुपये की संपत्ति दान करने का एक बड़ा फैसला लिया है। सोना चांदी व्यवसाय के बड़े कारोबारी राकेश सुराना ने ये फैसला लिया है कि वे दीक्षा लेकर जैन साधु बनेंगे और समाज को सही राह दिखाएंगे।  उनके इस फैसले की बड़ी बात ये है कि उनके साथ उनकी पत्नी और 11 साल का बीटा भी दीक्षा ले रहा है। यानि मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले का ये पूरा परिवार अध्यात्म की दीक्षा ले रहा है।

आज के इस भौतिकवादी युग में लोग अधिक से अधिक संपत्ति अर्जित करने और सुख भोगने के साधन जुटाने में लगे हुए हैं।  शान शौकत और दिखावे की दुनिया में मस्त आदमी दूसरे पर रौब गांठने के चक्कर में समाज से अपनी आंखें बंद कर लेता है लेकिन मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले का सुराना परिवार इसका अपवाद है।

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सुराना परिवार के प्रमुख 40 वर्षीय राकेश सुराना ने अपनी 11 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है।  उन्होंने ये सम्पति गौशाला और अन्य सामजिल कार्यों, गरीबों के लिए दान कर दी है।  उनके साथ उनकी 36 साल की पत्नी लीना और 11 साल का बेटा अमय भी गुरु दीक्षा लेकर अध्यात्म के मार्ग पर चलेगा।

संघर्षों के बाद कमाए 11 करोड़ किये दान 

राकेश सुराना के मुताबिक उनका जीवन संघर्षों से भरा है, उन्होंने एक किराये की छोटी से दुकान में कारोबार शुरू किया और आज ये बड़े शोरूम में बदल गया है, उन्होंने इस दौरान करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की लेकिन एक बार 2015 में वे मुनि महेंद्र सागर के जयपुर चातुर्मास में शामिल हुए।  यहाँ उन्होंने मुनिश्री के प्रवचनों को सुना तो उनका जीवन बदल गया और उन्होंने संयम का मार्ग अध्यात्म का मार्ग अपनाने का संकल्प ले लिया।

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विदेश से पढ़ी पत्नी और बेटा भी साथ में संयम के मार्ग पर 

ग्रेजुएट राकेश सुराना की पत्नी लीना बेंगलुरु से ग्रेजुएट है और उन्होंने यूके से प्ले थेरेपी की डिग्री ले चुकी हैं , वे भी अध्यात्म , संयम के मार्ग में रची रखती थी, उनका बेटा अमाय तो बचपन से ही संयम के मार्ग पर चलने का मन बना चूका था लेकिन छोटी उम्र के कारण दीक्षा नहीं हुई थी।  अब पूरा परिवार जैन साधु साध्वी बनने जा रहे हैं।

मां और बहन भी ले चुकीं हैं दीक्षा 

सुराना परिवार में अध्यात्म के पथ पर और भी सदस्य चले है। राकेश सुराना की मां और बहन 2008 में दीक्षा लेकर जैन साध्वी बन चुकी हैं।

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जयपुर में 22 मई को होगी दीक्षा 

जानकारी के अनुसार जयपुर में गलता गेट स्थित मोहन बाड़ी में जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ की अगुआई में 22 मई से होने वाले दीक्षा कार्यक्रम में राकेश सुराना, लीना सुराना और अमय सुराना की दीक्षा होगी।  कार्यक्रम में मुनिश्री महेंद्र सागर और मुनिश्री मनीष सागर दीक्षा कार्यक्रम संपन्न कराएँगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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