बालाघाट, सुनील कोरे
5 अगस्त की सुबह जिला मुख्यालय से लगे बड़ी कुम्हारी में सड़क से लगभग सौ मीटर दूर नगरीय क्षेत्र के शांतिनगर निवासी कमलेश उर्फ विक्की मेश्राम का शव मिला था। संदेहास्पद परिस्थिति में विक्की मेश्राम की मौत की, शुरूआत से ही उसकी हत्या किये जाने की आशंका जाहिर की जा रही थी, जो पीएम रिपोर्ट के बाद सच साबित हुई। मृतक की पीएम रिपोर्ट में दम घोटने से हुई मौत के बाद मामले में कोतवाली पुलिस ने धारा 302 के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया था। पुलिस को मामले की विवेचना के दौरान पता चला कि चोरो के शक में विक्की मेश्राम की हत्या की गई। जिसमें पुलिस ने बड़ी कुम्हारी माताटोला निवासी 18 वर्षी दीनु उर्फ राजकुमार पिता गणेश लिल्हारे, 24 वर्षीय विजय पिता श्रीमान ठकरेले, 33 वर्षीय अर्जुन यादव पिता राजेन्द्र यादव, 19 वर्षीय शंकर पिता धनीराम मेश्राम, 52 वर्षीय भाऊलाल पिता ईसबलाल दमाहे और 30 वर्षीय मानकचंद पिता देवलाल ठकरेले को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने चोरो के शक में युवक कमलेश उर्फ विक्की मेश्राम के साथ मारपीट कर नाक और मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी थी।
कमलेश उर्फ विक्की मेश्राम के अंधे हत्याकांड का आज 7 अगस्त को पुलिस ने खुलासा किया। कंट्रोल रूम में आयोजित मामले की प्रेसवार्ता के दौरान एडीएसपी प्रतिपालसिंह महोबिया ने हत्याकांड की जुड़ी सभी पहलुओं की जानकारी प्रेस को दी। इस दौरान सीएसपी अपूर्व भलावी और कोतवाली थाना प्रभारी मंशाराम रोमड़े मौजूद थे।
बर्थडे मनाने के बाद प्रेमिका से मिलने गये दोस्त के साथ गांव गया था विक्की
हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने बताया कि 4 अगस्त की रात कमलेश उर्फ विक्की मेश्राम अपने दोस्त रितेश लिल्हारे के जन्मदिन पार्टी में शामिल होने गया था। जहां बर्थडे पार्टी में शराब और भोजन के बाद बर्थडे मनाने पहुंचे सभी साथी अपने घर चले गये थे। वहीं विक्की को लेकर दोस्त संजू अपनी महिला मित्र से मिलने गांव गया था। जब संजू और महिला मित्र बात कर रहे थे, उस समय विक्की थोड़ा दूर था। इस दौरान ही गांववालों ने उन्हें देखा और उन्हें चोर समझकर उनकी ओर आने लगे। जिन्हें देखकर जहां संजू गाड़ी लेकर फरार हो गया, वहीं विक्की और उसके दोस्त की महिला मित्र गांव के लोगों से बचने के लिए भागते रहे। इसी बीच युवती कहीं छिप गई और भागते हुए लड़खड़ाकर गिरा विक्की, चोर समझकर पकड़ने पीछा कर रहे ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया। इस दौरान हाथ में कुल्हाड़ी और लट्ठ लिए हत्यारों ने पहले उसके साथ मारपीट की। उसके बाद हत्यारों ने नाक और मुंह दबा दिया। जिससे विक्की की मौत हो गई। जिसके बाद हत्यारे, वहां से फरार हो गये।
मोबाईल से खुला राज, महिला की जानकारी से हत्यारों तक पहुंची पुलिस
विक्की मेश्राम के अंधे हत्याकांड को पुलिस ने दो दिनो में ही सुलझा दिया। विक्की मेश्राम की हत्या की विवेचना कर रही कोतवाली पुलिस, विक्की मेश्राम की हत्या से पूर्व उसके साथ लगातार मोबाईल में बात रहे उसके दोस्त संजू तक पहुंची। जिससे पूछताछ और उसके मोबाईल से महिला मित्र के साथ हुई बातचीत के आधार पर पुलिस ने महिला मित्र से पूछताछ की। जिसमंे महिला मित्र ने विक्की मेश्राम के साथ मारपीट करने वालो में आरोपी दीनु उर्फ राजकुमार की पहचान पुलिस को बताई। जिसके आधार पर पुलिस ने दीनु उर्फ राजकुमार लिल्हारे से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर गांव में बढ़ रही चोरियों के कारण उस रात दिखे दो लोगों को चोर समझकर उनका पीछा किया। जिसमंे विक्की मेश्राम उन्हें छिपते हुए दिखाई दिया। जिसे चोर समझकर उसके साथ मारपीट की और उसका नाक एवं मुंह दबा दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस पूछताछ में दीनु के मेमोरेंडम के आधार पर पुलिस ने विक्की मेश्राम की हत्या में शामिल उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया। जिन्हें पुलिस ने माननीय न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया है। जेल दाखिले से पूर्व सभी आरोपियों का कोरोना जांच सैंपल भी लिये गये है।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
अंधे हत्याकांड को वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कोतवाली थाना प्रभारी मंशाराम रोमड़े, उपनिरीक्षक संदीप चौरसिया, एएसआई एस.एस. धुर्वे, प्रधान आरक्षक अनिल बिसेन, महिला प्रधान आरक्षक सत्यशीला वासनिक, आरक्षक शैलेष गौतम, अनिल वर्मा, यशवंत अगासे, दिनेश कुमरे, दारासिंग बघेल, महिला आरक्षक दुर्गा बघेल, सुषमा, वर्षा, सुरेन्द्र पारधी, दिनेश ठाकरे, चालक प्रधान आरक्षक नंदकिशोर टेकाम तथा सायबर सेल एवं एफएसएल टीम की सराहनीय भूमिका रही।