किन्नर के प्यार में पागल युवक ने किया खुद को घायल, जानिए पूरा मामला

Gaurav Sharma
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a man cut him selves in betul for transgender love

बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। ये इश्क नहीं आसां, बस इतना समझ लिजिए बस आग का दरिया है और डूब के जाना है, पर शक्ख्स ने अपने प्यार को साबित करने के लिए अपने आप को ब्लेड से घायल करने का मामल बैतूल से आया है, यहां एक युवक ने अपने किन्नर पार्टनर के प्रति अपने प्यार को साबित करने के लिए अपने हाथ पर ब्लेड मार ली।

दरअसल, इटारसी का रहने वाला आनंद कटारे बैतूल के रहने वाले किन्नर कमलेश उर्फ करिश्मा से प्यार करता है। आनंद प्रेमी करिशमा से जुदाई सह नहीं पाया और उसे लेने उसके घर बैतूल पहुंच गया। जबं आनंद ने करिश्मा से अपने साथ चलने को कहा तो उसने उसके साथ जाने से मना कर दिया। अपने प्रेमी की ना युवक बर्दास्त नहीं कर पाया और उसके बाद उसने खुद को ब्लेड से लहूलुहान कर लिया। वहीं पूरा मामला पुलिस तक पहुंच गया है। घायल युवक का इलाज जारी है।

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वहीं घायल युवक आनंद ने बताया कि बीते 7 साल से वो और करिश्मा एक दूसरे से प्यार करते है। करिश्मा अपने परिजनों से मिलने के लिए बैतूल आई थी, लेकिन बहुत दिन हो गए थे पर करिश्मा वापस इटारसी नहीं पहुंची थी। जिसके बाद युवक करिश्मा को लेने बैतूल पहुंच गया। वहीं पूरे मामले पर करिश्मा का कहना है कि वो कुछ दिन और अपने परिजनों के साथ बैतूल रहना चाहती है जब ये बात उसने युवक को कही तो आनंद ये सह नहीं पाया और उसने खुद पर ब्लेड से कई बार वार कर के खुद को घायल कर लिया। वहीं पुलिस का कहना है कि वो युवक से बात करेगी और जल्द ही मामले को सुलझा लेगी।

आनंद ने बताया वो पिछले 7 सालों से करिश्मा से प्यार कर रहा है. लेकिन कुछ दिनों पहले करिश्मा अपने परिजनों से मिलने बैतूल आई थी. और बहुत दिनों तक वापस न आने से परेशान युवक उसे लेने बैतूल पहुंच गया. जहां करिश्मा ने कहा कि उसे कुछ दिन और रहना है, जिसके बाद युवक से सहा नहीं गया, और उसने ब्लेड से अपने हाथ पर कई वार कर खुद को घायल कर लिया. पुलिस अधिकारी का कहना है युवक से बातचीत कर मामला सुलझाया जाएगा.


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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