जमीन और कुएं के विवाद में हत्या, लाश बोरे में भर कर फेंकी, तीन गिरफ्तार

बैतूल, वाजिद खान| कहते है जर, जोरू और जमीन अक्सर झगड़े की वजह बनते है। मध्य प्रदेश के बैतूल में भी चार दिन पहले कुछ ऐसा ही हुआ। यहां एक किसान का उसके ही पड़ोसी रिश्तेदारों ने अपहरण कर हत्या कर दी और लाश बोरे में भरकर कुँए में फेंक दी। यही नही लाश पर इतने बड़े बड़े पत्थर बांध दिए कि लाश बाहर ही नही आ सके। किन्तु पुलिस की तलाश में सारे भेद खुल गए। बैतूल की मुलताई पुलिस ने आज इस अपहरण और हत्याकांड का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

घटना मुलताई थाना इलाके के शिरडी गांव की है।यहां बीते 28 अक्टूबर की सुबह खेत से लौट रहे 60 वर्षीय किसान आनंदराव घर आते समय गांव में ही अचानक गायब हो गए थे। घर वालो ने उन्हें देर रात तक ढूंढा लेकिन उनका कुछ पता नही चला।जिसके बाद परिजनों ने उनके अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को शिकायत की थी। जिस पर पुलिस ने फौरी तौर पर गुमशुदगी दर्ज कर किसान की तलाश की तो उनके घर के पडोस मे रहने वाले प्रमोद मगरदे की रसोई में आनंदराव के जूते मिले थे।

इस आधार पर पुलिस ने प्रमोद मगरदे और उसके परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो इस अपहरण और हत्याकांड का राज फाश हो गया। इस खुलासे में निकलकर सामने आया कि आनंदराव का अपने पड़ोसी और दूर के रिश्तेदार प्रमोद मगरदे से लंबे समय से जमीन और कुँए को लेकर विवाद चल रहा था। जिसमे एक साल पहले दोनों पक्षो के बीच मारपीट हुई थी।जिसमे दोनो पक्षो के खिलाफ मारपीट का काउंटर केस दर्ज किया गया था। यह विवाद अभी सुलझा नही था कि 28 अक्टूबर को खेत से लौट रहे आनंदराव जैसे ही प्रमोद के घर के सामने पहुचे उसने उनका मुह दबाकर घर मे बन्द कर दिया। यहां उसने आनंदराव को जमीन पर पटककर उसके मुंह कपड़ा ठूंस दिया और घर मे रखी दराती(हंसिये) से उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार कर डाले। इस बीच प्रमोद के पिता ने उसका साथ देते हुए आनंदराव के दोनों हाथ बांध दिए।जब हंसिये के वार से भी आनंदराव मरा नही तो प्रमोद ने गले मे बंधे गमछे से गला घोंटकर आनंदराव की हत्या कर दी। देर शाम उसका भाई दिलीप जब घर पहुचा तो तीनों में आनंदराव की लाश एक बोरे में बंद की उस पर बडे बडे पत्थर बांधे और लाश गांव के पास एक कुंए मे फेंक दी। पुलिसमें पूछताछ के बाद लाश बरामद कर तीन आरोपियों जिसमे पिता और दो बेटे शामिल है गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी प्रमोद उसके पिता भाऊराव और भाई दिलीप के खिलाफ अपहरण,हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है।

इस हत्यकांड का खास पहलू वह दुश्मनी थी। जो आरोपी प्रमोद के दिलो दिमाग पर छाई हुई थी। बदले की आग ने उसके दिल मे ऐसा जख्म बना दिया था।जो बचपन से सुलगते सुलगते नासूर बन गया था। दरअसल। मुख्य आरोपी प्रमोद जब छोटा था तब मृतक आनंद राव ने उसकी मामी जिसके घर प्रमोद बचपन मे रहा करता था।के साथ आनंद राव ने पिटाई की थी। बीचबचाव के दौरान आनंदराव ने प्रमोद के पैर पर लाठी मारकर उसका पैर तोड़ दिया था। यही पिटाई और दुश्मनी का जख्म उसे बचपन से जवानी तक टीस देता रहता था। जिस पर नमक का काम कुँए के झगड़े ने किया और फिर मौका पाकर 28 अक्टूबर के दिन उसने गली से गुजर रहे आनंदराव का मुह बन्द कर उसे घर मे खींचकर उसकी हत्या कर दी।

नम्रता सोंधिया, एसडीओपी मुलताई का कहना है कि पुलिस में सूचना मिली थी की आनंदराव लापता हो गए परिजनों और गांव वालों के बयान के बाद पता चला इन तीन आरोपियों ने आनंद राव का अपहरण कर उसकी हत्या कर उसे पत्थर बांधकर कुएं में फेंक दिया था पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया इनकी पहले से रंजिश चल रही थी|


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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