बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। पंचायती राज व्यवस्था कितनी ताकतवर हो सकती है, इसका उदाहरण बैतूल जिले की एक ग्राम सभा ने दिया है। एक आदिवासी की पुलिस प्रताड़ना के बाद खुदकुशी के मामले में ग्राम सभा ने जिला प्रशासन बैतूल के ऊपर 25 लाख रुपए का जुर्माना ठोंक दिया है।
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बैतूल जिले के शाहपुर की ग्राम सभा सेहरा ने बैतूल जिला प्रशासन को एक विधवा आदिवासी महिला को 25 लाख रूपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। दरअसल इस महिला ने ग्राम सभा में शिकायत की थी कि उसके पति सियाराम को थाना चिचोली में पुलिस के द्वारा प्रताड़ित किया गया जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। 4 जुलाई को ग्रामसभा में की गई शिकायत में महिला ने एक वीडियो भी ग्रामसभा को दिखाया था और मृतक सियाराम की मृत्यु किन कारणों से हुई, उसके संबंध की गई शिकायत के प्रमाणित दस्तावेज भी दिखाए थे। संगीता नाम की इस महिला द्वारा 27 जनवरी को थाना चिचोली में लिखित शिकायत दर्ज की गई थी। लेकिन शिकायत पर किसी भी तरह की कार्रवाई ना करते हुए पुलिस ने अपने कर्मचारियों को बचा लिया, इस तरह का आरोप महिला ने लगाया था। महिला का आरोप था कि उसके पति ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर कीटनाशक पी लिया था जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी।
इस पूरे मामले में आदिवासी नियमों का हवाला देते हुए ग्राम सभा ने बैतूल कलेक्टर को पत्र लिखा है और महिला को 25 लाख रूपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। अपने आदेश में ग्राम सभा ने सारे संवैधानिक नियमों का भी उल्लेख किया है और अनुसूचित जाति जनजाति के लिए जो नियम कानून बनाए गए हैं उनका भी हवाला दिया है। अब इस मामले में जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है, यह देखने वाली बात है। लेकिन संभवत: देशभर में यह पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें किसी ग्रामसभा ने सीधे कलेक्टर पर ही जुर्माना ठोंक दिया है।