बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन एवं सदस्य सरबजीत सिंह ने शुक्रवार को जिला जेल बैतूल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बंदियों को उपलब्ध कराई जाने वाले बुनियादी सुविधाओं का अवलोकन किया। साथ ही अस्वस्थ होने वाले बंदियों को समय पर उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने के जेल प्रबंधन को निर्देश दिए। अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र जैन एवं सदस्य ने बंदियों की शिकायत निराकरण की व्यवस्था पर भी जेल अधीक्षक से विस्तृत चर्चा की एवं कहा कि बंदियों की किसी भी प्रकार शिकायतों का तत्काल समुचित निराकरण किया जाये। निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर श्यामेन्द्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी एवं जेल अधीक्षक योगेन्द्र परमार मौजूद थे।
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आयोग अध्यक्ष नरेंद्र जैन एवं सदस्य सिंह ने जिला जेल की बैरकों में पहुंचकर बंदियों से मिलने वाले भोजन एवं अन्य सुविधाओं की उपलब्धता पर चर्चा की। महिला बैरक में भी महिला बंदियों के लिये उपलब्ध व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया। जिला जेल की डिस्पेंसरी, खाद्यान्न भंडारण एवं रसोई व्यवस्था का भी आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य ने निरीक्षण किया। उन्होंने बंदियों के बीमार होने की दशा में उपचार व्यवस्था का गहनता से निरीक्षण किया एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से यहां चिकित्सक की नियमित उपलब्धता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिला जेल में चिकित्सक की नियमित रूप से उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। आपातकालीन अवस्था में उपचार सुविधाओं पर भी उन्होंने सीएमएचओ एवं सिविल सर्जन से चर्चा की।
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बंदियों की शिकायत निराकरण व्यवस्था पर भी आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य का गंभीर रुख रहा। उन्होंने कम्पलेन्ट बुक का भी निरीक्षण किया एवं जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि बंदियों की शिकायत निराकरण व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस दौरान उन्होंने जेल परिसर में आवश्यकतानुसार प्रसाधन की व्यवस्था एवं दिव्यांग बंदियों के लिए वेस्टर्न पद्धति का टॉयलेट बनाने का मांगपत्र राज्य शासन (जेल विभाग) को भेजने के निर्देश दिए। आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य ने जेल परिसर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष का भी अवलोकन किया एवं वहां उपलब्ध व्यवस्थाओं पर चर्चा की। रसोईघर के निरीक्षण के दौरान भोजन वितरण व्यवस्था पर भी उन्होंने जानकारी ली एवं भोजन की गुणवत्ता भी देखी। आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक सहायता उपलब्ध कराने के मामलों की भी आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य द्वारा जानकारी ली गई एवं कहा गया कि ऐसे बंदियों को नियमानुसार समुचित विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। आयोग पदाधिकारियों ने बंदियो को दी जाने वाली पैरोल, रेफरल प्रोसेस, बैरकों में उपलब्ध सुविधाओं, पेयजल, साफ-सफाई, परिजनों से मुलाकात सहित अन्य विषयों पर भी विस्तार से जानकारी ली।