अजब गजब : अब जो दिया बीमारी का परवाना, हर हाल मे नौकरी से होगा जाना

Amit Sengar
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भिंड,डेस्क रिपोर्ट। भिंड कलेक्टर (Bhind Collector) का एक आदेश चर्चा का विषय बन गया है। चुनाव ड्यूटी के समय बीमारी का प्रमाण पत्र देने वाले अधिकारी कर्मचारियों के लिए यह आदेश जारी किया गया है। ऐसा करने पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की बात कही गई है।

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मध्यप्रदेश में इन दिनों पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों का शबाब जोरों पर है। आचार संहिता लग चुकी है और विभिन्न सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों में लगाई जा रही है।ऐसे मे भिंड के कलेक्टर एस सतीश कुमार ने आदेश जारी किया है और इस आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन ड्यूटी से बचने के लिए जो भी अधिकारी कर्मचारी बीमारी का प्रमाण पत्र लगाएंगे।

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उनके खिलाफ शासन के नियम अंतर्गत 20 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही की जाएगी। यह बात सच है कि कुछ कर्मचारी अधिकारी ऐसे बीमारी के बहाने बनाते हैं और निर्वाचन ड्यूटी से हटने की कोशिश करते हैं। लेकिन उन अधिकारी कर्मचारियों का क्या जो वास्तव में बीमार है और चुनाव ड्यूटी करने में अक्षम है।

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कलेक्टर ने अपने आदेश में मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्र को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है जो शासन के नियम अंतर्गत ही बीमारी के प्रमाण पत्र जारी करता है। अब ऐसे में सवाल ये है कि कलेक्टर के इस आदेश का बुरा असर तो उन अधिकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा जो वास्तव में बीमार हैं और स्वास्थ्य कारणों के चलते ही ड्यूटी नहीं कर सकते हैं। जाहिर सी बात है कि कलेक्टर का यह आदेश बिना जमीनी हकीकत के तैयार किया गया है और इस पर पुनर्विचार की सख्त जरूरत है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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