भिण्ड, गणेश भारद्वाज। 80 के दशक में आई फिल्म शराबी का एक प्रसिद्ध डायलॉग था मूंछें हों तो नत्थू लाल जैसी। लेकिन भिंड में अब यह डायलॉग मूछें हो तो जनौरा के राम कुमार शर्मा जैसी हो बोला जाया करेगा। जी हां बीते रोज बड़ी बड़ी घुमावदार मूछों का शौक रखने वाले पण्डित रामुकमार शर्मा अपने बेटे के साथ बाइक पर सवार होकर अपना आवेदन देने एसपी ऑफिस जा रहे थे तो रास्ते मे डायवर्सन रॉड पर भिण्ड एसपी मनोज कुमार सिंह की नजर रामकुमार की मूंछों पर पड़ गई, गाड़ी में से ही मूछें देखकर एसपी सिंह इतने प्रभवित हुए कि उन्होंने अपने ड्रायवर को गाड़ी रामकुमार की बाइक के आगे रोकने का आदेश दे दिया।
एसपी की गाड़ी रुकते ही रामकुमार हक्के बक्के रह गए। इसी बीच बीच एसपी महोदय ने पूछ लिया कि दादा कहां किस काम से जा रहे हो। रामकुमार ने बोला सहाब एक बन्दूक है। उसकी सीमा वृद्धि का आवेदन देने एसपी ऑफिस जा रहा हूं। इस पर एसपी सिंह ने कहा कि आ जाओ मैं आपका ऑफिस में इंतजार कर रहा हूं। आवेदक राम कुमार शर्मा जी झट से एसपी ऑफिस पहुंच गए।
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एसपी महोदय ने न केवल उनके आवेदन पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की बल्कि स्वयं कलेक्टर महोदय को भी निवेदन किया रामकुमार जी की बंदूक की सीमा वृद्धि की फाइल को जल्दी से कर दें । दरअसल राम कुमार जी को अपने बेटों को देश में अन्यत्र कहीं स्थान पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलाने के लिए बंदूक के लाइसेंस की सीमा वृद्धि की आवश्यकता है।
जब एसपी श्री सिंह ने राम कुमार जी से पूछा कि आपने यह बड़ी-बड़ी मूछें क्यों रखा रखी है तो उन्होंने बताया कि जब से मूछे आई है तब से मैंने मूछों को नहीं कटवाया है और अब एक प्रकार से इन्हें बनाए रखने का शौक सा हो गया है। जब ऑफिस में आवेदक रामकुमार से वार्तालाप बड़ा तो उन्होंने यह भी बताया कि उनकी एक जमीन मालनपुर में भी है। जिसे कुछ दबंगों ने कब्जा कर रखा है इस पर भी एसपी मनोज कुमार सिंह ने समुचित कार्रवाई करवाने का आश्वासन राम कुमार शर्मा को दिया।
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एसपी श्री सिंह रामकुमार की मूंछों से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने एसपी ऑफिस ले जाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव कंचन, डीएसपी हेड क्वार्टर मोती लाल कुशवाहा और सीएसपी आनंद राय सहित अपने स्टाफ और अपने कुछ पत्रकार मित्रों से भी मूछों वाले जनौरा के पंडित राम कुमार शर्मा को मिलवाया। एसपी ऑफिस से निकलने के बाद जब हमने आवेदक रामकुमार शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि जीवन में पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ है कि किसी पुलिस अधीक्षक ने इतना सम्मान दिया हो तो हम ने तपाक से पूछ लिया ऐसा उन्होंने क्यों किया तो रामकुमार बोले सब मूछों की मेहरबानी है।
ज्ञात हो कि इन दिनों एसपी ऑफिस में जब भी कोई आवेदक अपनी जायज फरियाद लेकर एसपी मनोज कुमार सिंह के पास पहुंचता है तो उसकी झट से शिकायत का निराकरण करवाया जाता है। पंडित राम कुमार के विषय में जब हमने एसपी मनोज कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि आदमी की अपने आप में एक अलग अच्छी पहचान होनी चाहिए वह किसी भी रूप में हो। रामकुमार ने अपनी पहचान अपनी मूंछों से ही बना रखी है। ये अच्छी बात है।