दीपोत्सव के पहले पुलिस का जुआरियों पर हल्लाबोल, 12 जुआरियों से ढेड़ लाख ज़ब्त

Gaurav Sharma
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भिण्ड, गणेश भारद्वाज।दीपोत्सव के पहले रोज धनतेरस पर भिण्ड पुलिस का जुआरियों पर बड़ा हमला बोला है। जुए के फड से पकड़े गए 12 जुआरियों से 1 लाख 44 हजार नगद रुपये, 13 मोबाइल, दो चार पहिया वाहन जप्त किये गए हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई फ़ूप थाना थाना क्षेत्र के भौनपुरा में जुए के फड़ पर दबिश देकर की है।

जानकारी के मुताबिक किसी जागरूक नागरिक ने पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह को मोबाइल पर सूचना दी कि हमारे गांव में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर जुआ खेल रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस अधीक्षक श्री सिंह के द्वारा डीएसपी हेड क्वार्टर मोतीलाल सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में पुलिस के साथ एक दल गठित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

निर्देश का पालन करते हुए डीएसपी हेड क्वार्टर ने दल बल के साथ फ़ूप थाना क्षेत्र के भौनपुरा गांव में दबिश दी और सफलतापूर्वक वहां जुआ खेल रहे 12 जुआरियों को पकड़ा। जुए के इस अड्डे से 12 ज्वारी ग्गिरफ्तार किए गए वहीं पर दो चार पहिया वाहन, 13 मोबाइल, 1 लाख 44 हजार रुपये भी जप्त किए।

सभी जुआरियोंको पकड़कर फ़ूप थाना लाया गया है जहां उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। ज्ञात हो कि पिछले 3 महीनों में डीएसपी हेडक्वार्टर मोती लाल कुशवाहा के नेतृत्व में 6 से अधिक बड़े जुए के अड्डे पर दबिश देकर लाखों रुपए बरामद किए गए और इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने की दिशा में काम किया गया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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