भिंड, गणेश भारद्वाज। बंदूक रिवॉल्वर पिस्टल रखने वाले लाइसेंस धारी अब सावधान हो जाएं। अब अगर आपने एक भी फायर फालतू में किया तो आपकी खैर नहीं। क्योंकि अब हर बुलेट पर होगा आपका नाम और पता। जी हां भिंड जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह द्वारा नई पहल करते हुए बंदूकों में उपयोग होने वाले कारतूसों पर क्यूआर(QR) कोडिंग कराई जा रही है। इस यूनिक कोड पर लाइसेंस धारी का पूरा डाटा दर्ज होगा। स्केनर की मदद से बुलेट को स्कैन कर पता लगाया जा सकेगा यह बुलेट आखिर किसके पास था और किसकी बंदूक से चला है।
अब आप बुलेट को किसी और को बेच भी नहीं सकते, ना ही हर्ष फायर कर सकते हैं। कभी भी पुलिस आपसे इसका हिसाब मांग सकती है। मान लो अगर आपके पास बुलेट है और उन पर क्यूआर कोडिंग हो चुकी है तो मांगे जाने पर सभी क्यूआर कोड बुलेट का हिसाब आपको देना होगा। अगर आपके पास क्यूआर(QR) कोड वाले उतने बुलेट्स नहीं मिलते हैं तो माना जाएगा कि आपने उनका दुरुपयोग किया है। ऐसे में आपके ऊपर कार्रवाई भी हो सकती है।
ये भी पढ़े- बीजेपी नेता का बेतुका बयान- ताली बजाने से भागता है कोरोना
स्थानीय स्तर पर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने एक निजी फैक्ट्री में पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ बुलेट पर क्यूआर(QR) कोडिंग करवाना प्रारंभ भी कर दिया है। अभी तक आधा सैकड़ा से अधिक लाइसेंस धारियों के 1000 से अधिक बुलेट्स पर क्यूअर कोडिंग की जा चुकी है। खुद पुलिस अधीक्षक ने मालनपुर थाना पहुंचकर लाइसेंस धारियों को क्यूआर कोडिंग वाले बुलेट कोडिंग करवाने के बाद वापस किए। साथ ही उनको इसकी समझाईश भी दी आखिर इसका क्या महत्व है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अपराधों पर लगाम कसने और अपराधियों तक पहुंचने के लिए यह व्यवस्था अत्याधिक कारगर सिद्ध होगी।
बता दें कि भिण्ड एसपी मनोज कुमार सिंह कारतूसों पर क्यू आर कोडिंग कराने के विषय पर गत 2 वर्षों से काम कर रहे है। अब प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से इस विषय पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।