जरूरतमंद की सेवा और सहायता ही सबसे बड़ा सामाजिक न्याय – एडीजे दंडोतिया

Atul Saxena
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भिण्ड, गणेश भारद्वाज। जरूरतमंदों की सेवा और सहायता करना सबसे बड़ा सामाजिक न्याय है, व्यक्ति को हमेशा संवेदनशील होकर समाज के उस वर्ग की सेवा करना चाहिए जिसे सहायता और सहयोग की सबसे अधिक जरूरत है। यह बात मुरलीपुरा स्थित शिव ईट भट्टा पर काम करने वाले मजदूरों को गर्म वस्त्र वितरण कार्यक्रम के पश्चात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) के सचिव एडीजे सुनील दंडोतिया (ADJ Sunil Dandotia) ने कही।

नव वर्ष के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में शिव ईट भट्टा पर काम करने वाले करीब एक सैकड़ा मजदूरों व उनके बच्चों को विधिक सेवा प्राधिकरण एवं नवजीवन सहायता संगठन (Navjeevan Sahayta Sangthan) के द्वारा गर्म कपड़े, महिलाओं को साड़ियां, पुरुषों को पेंट शर्ट, जैकेट, जर्सी, स्वेटर एवं बच्चों को गर्म इनर व टोपों का विरतण किया गया। यही नहीं संगठन की सचिव नम्रता जैन द्वारा मजदूर महिलाओं को कंगन व चूड़ियाँ भी बांटी गई। गर्म कपड़े और अन्य उपयोगी कपड़े मिलने से मजदूरों के चेहरे पर रौनक देखते ही बनती थी। यहां हम बता दें कि विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के साथ मिलकर नवजीवन सहायतार्थ संगठन व बिहारी शिक्षा प्रसार एवं जन कल्याण समिति समाजसेवा के विभिन्न कार्य कर रहे हैं. आगामी कार्यक्रम गर्म कम्बल व कपड़े वितरण कार्यक्रम बिहारी शिक्षा प्रसार एवं जनकल्याण समिति केद्वारा आयोजित होगा।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं नवजीवन सहायतार्थ संगठन के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में समाजसेवी संजय दैपुरिया, मनोज दैपुरिया, सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ वीसी जैन, श्रीमती नीतेश जैन एवं न्यायलय की ओर से देवेश शर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम में विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारियों के अलावा गणेश भारद्वाज, आलोक दैपुरिया, सुशील जैन, अमित जैन, सौरभ बंगाली, अजीत जैन, पिंकू शर्मा, गिरीश शर्मा, धीर सिंह कुशवाह सहित कई लोग मौजूद रहे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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