भिंड में नकल रोकने अजीबो गरीब फरमान : बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र होने तक शिक्षक नजरबंद

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भिंड, डेस्क रिपोर्ट। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए भिंड प्रशासन ने अजीबो गरीब फरमान जारी किया है, दरअसल नकल रोकने के लिए भिंड प्रशासन ने ऐसा फैसला लिया जो चर्चा का विषय बन गया, नकल के लिए कुख्यात चम्बल संभाग में प्रशासन ने छात्रों को ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों को डाइट में नजर बंद करने का फैसला लिया है और परीक्षा के पहले दिन उन्हे नजरबंद किया भी गया, लेकिन प्रशासन के इस आदेश का ट्यूशन पढ़ने वाले शिक्षकों ने जमकर विरोध जताया है, उन्होंने इसे प्रशासन का गलत फैसला बताया है, हालांकि गुरुवार को पहले पेपर के दिन डाइट में तीन ही शिक्षक पहुंचे और  शिक्षकों ने वही पर विरोध जताया। भिंड कलेक्टर ने आदेश जारी किया कि कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक परीक्षा के दौरान पुलिस थाने में हाजिरी देंगे। उन्हें तब तक थाने में हाजिर रहने के आदेश थे जब तक परीक्षा का प्रश्न पत्र का समय खत्म नहीं हो जाता।इस आदेश को शिक्षकों ने अपनी गरिमा पर ठेस बताया है लेकिन वही भिंड के कलेक्टर सतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि शिक्षकों को थाने में बैठाने की व्यवस्था परीक्षा तक जारी रहेगी। विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को अन्यत्र स्थानों पर बैठाया जाएगा। सम्भव होगा तो सभी भिंड बुलाकर कलेक्ट्रेट या किसी एक परिसर में बैठने की व्यवस्था की जाएगी। नकल रोकने के लिए किए गए इस प्रयास में भले ही शिक्षक नाराजगी जताए मगर इसे बदला नहीं जाएगा।

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दरअसल बोर्ड परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए भिंड जिला प्रशासन ने यह फैसला लिया है। आदेश में बिल्कुल साफ किया है कि  आदेश में कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों को थाने में हाज़िरी देना होगी। शिक्षकों को परीक्षा के समय थाने में बैठना होगा और ऐसा ना करने वाले शिक्षकों पर आदेश का उल्लंघन करने की कार्रवाई होगी।

गुरुवार को पहले पेपर के दिन ही मेहंगाव में शिक्षकों थाने पहुंचे, तो देखते ही देखते भिंड में सोशल मीडिया पर इनके वीडियो व फोटो वायरल हो गए हैं। प्रशासन ने शिक्षकों को थाने से डाइट परिसर में नज़र बंद कर दिया। इस आएश से शिक्षकों मे काफी नाराजगी है, हालांकि प्रशासन का आदेश है तो इसके पालन में शिक्षक थाने पहुंचे। लेकिन उन्हें वहां से लौटा दिया गया। चूंकि गुरुवार को अंग्रेजी का पेपर था। इसलिए अंग्रेजी के शिक्षक ही थाने पहुंचें थे। इसके बाद सभी शिक्षकों को भिंड डाइट परिसर में बैठा दिया गया। शिक्षकों का कहना था कि उनके साथ व्यवहार भी अपराधियों जैसा किया जा रहा है।

 


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Harpreet Kaur

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