भिण्ड, गणेश भारद्वाज। भिण्ड जिले के लावन गांव में स्थित शासकीय स्कूल में एक शिक्षक को पत्नी प्रेम भारी पड़ गया। दरअसल शासकीय स्कूल में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक राजेश बाबू त्रिपाठी को फर्जीवाड़ा कर पत्नी को शासकीय शिक्षक बनवाने पर शिक्षक सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार राजेश बाबू को किसी अन्य रिश्तेदार महिला के नाम पर, उनके कागज उपयोग कर अपनी पत्नी को शिक्षक की नौकरी दिलाये जाने के आरोप लगे थे। जिसके बाद गोहद कोर्ट द्वारा उन्हें अलग अलग आपराधिक धाराओं में दोषी मानते हुए 7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद भी शिक्षक साहब की 420 यहां खत्म नहीं हुई। जानकारी के मुताबिक पैरोल पर जेल से छूटने के बाद इन्होंने फर्जी चिकित्सा प्रमाणपत्र बनवाकर जेल अवधि की तनख्वाह भी निकाल ली। जब यह मामला सामने आया तभी अधिकारियों ने आनन फानन में मामले पर जांच बैठा दी जिसमें डॉक्टर भी लपेटे में आ रहे हैं, जिन्होंने बिना जांच किये ही बीमारी का फर्जी चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रदान कर दिया।
जिले में ऐसे हैं अनेक फर्जी शिक्षक!
फर्जी अपरिचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जिले में कमी नहीं है। मेहगांव अटेर और भिंड जनपद में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले शिक्षकों की संख्या सौ से भी अधिक है । इनके दस्तावेजों की जांच अगर ठीक ढंग से की जाए तो कई शिक्षक सेवा से पृथक हो जाएंगे। एसे मामलों पर शासन- प्रशासन के द्वारा इन शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जाती है लेकिन बड़े फर्जीवाड़े के तहत और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ऐसे सैकड़ों शिक्षक आज भी जिले में सरकारी दामाद बने बैठे हैं और फर्जी कागजों के आधार पर हर महीने सरकारी तनख्वाह ले रहे हैं।