Indore-MY Hospital ERCP : मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इंदौर शहर के एमवाय अस्पताल में भारी कुप्रबंधन के मामले में संज्ञान लिया है। इस संबंध में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एमजीएम मेडिकल कालेज प्रबंधन ने दो साल पहले एमवाय अस्पताल में 50 लाख रूपये की ईआरसीपी मशीन खरीदी थी। यह मशीन पेट से संबंधित बीमारियों की जांच के लिए बहुत जरूरी होती है परंतु आलम यह है कि यह मशीन पहले दिन से ही तालेे में बंद है। उसे बाक्स से भी बाहर नहीं निकाला गया है। इस वजह से आज भी मरीजों की जांच निजी अस्पतलों में कराई जा रही है। इसके लिये मेडिकल कालेज द्वारा हर मरीज के 15 हजार रूपये भुगतान किये जा रहे हैं। मेडिकल कालेज मरीजों की पेट संबंधी जांचों के लिए निजी अस्पतलाों को दो सालों में करीब 30 लाख रूपये का भुगतान कर चुका है। जबकि इस मशीन से आम मरीजों को मात्र एक चौथाई खर्च पर सभी प्रकार की जांच की सुविधा मिल सकती है। मामले में आयोग ने आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं, मप्र शासन, भोपाल तथा डीन, एमजीएम मेडिकल कालेज इंदौर से एक माह में जवाब मांगा है।
आयोग ने इन दोनों अधिकारियों से पूछा है कि
01. दो वर्ष पूर्व यह मशीन खरीदे जाने के पश्चात से अब तक इसका उपयोग क्यों नहीं हो पा रहा है।
02. मशीन बंद पड़े रहने से उसके रख-रखाव एवं संबंधित कंपनी द्वारा दी गई वारंटी आदि की क्या स्थिति है।
03. मशीन प्रारंभ करने के लिए क्या जरूरी व्यवस्था इन दो वर्षो में नहीं हो पाई।
04. मशीन का उपयोग कब से प्रारंभ होना संभव है।
05. मशीन होते हुये भी मरीजों को निजी अस्पतलों में जांच हेतु भेजे जाने का क्या औचित्य है।