भोपाल| इंदौर में कांग्रेस विधायकों (Congress MLA) से चर्चा के दौरान घुटने टेकने वाले एसडीएम (SDM) और सीएसपी (CSP) को लेकर सियासत शुरू हो गई है| शनिवार को कांग्रेस नेताओं के सामने अधिकारियों की घुटने पर बैठने की फोटो वायरल हुई और देर रात तक भोपाल से आदेश जारी हो गए और दोनों अधिकारियों को हटा दिया गया| इससे पहले कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने एसडीएम को नोटिस जारी कर उनका आचरण पदीय गरिमा और प्रशासनिक आचरण के अनुरूप नहीं होने का हवाला देते हुए जवाब मांगा था। इधर, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को एक पुरानी फोटो को शेयर करते हुए याद दिलाया है कि उनके सामने भी अधिकारी घुटने पर बैठे थे|
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्विटर पर शिवराज की एक पुरानी फोटो को शेयर करते हुए कहा ‘बीजेपी का अहंकार, अधिकारियों की शिष्टता;
तस्वीर- 1 शिवराज कुर्सी पर बैठे हैं, और कलेक्टर घुटनों के बल बैठे हैं। ये शिवराज का अहंकार है। तस्वीर- 2 जनप्रतिनिधि ज़मीन पर बैठे हैं, इसलिए अधिकारी जमीन पर बैठे, ये अधिकारियों का शिष्टाचार है। मानवता कब समझोगे शिवराज..?
यहां से शुरू हुआ मामला
दरअसल, शुक्रवार को इंदौर में भाजपा के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने कमला नेहरू कॉलोनी के मैदान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन के अवसर पर राशन वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस दौरान राशन के लिए भारी भीड़ जुटी और राशन की लूट हो गई| इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल नहीं रखा गया| इसी मामले को लेकर शनिवार को भाजपा नेताओं की सद्बुद्धि के लिए धरने पर बैठ गए। सुबह मां अहिल्या प्रतिमा के सामने प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, विधायक विशाल पटेल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने धरना शुरू किया। बिना अनुमति के धरने पर बैठे नेताओं को समझाने के लिए एसडीएम राकेश शर्मा पुलिस अधिकारी के साथ मौके पर पहुंचे। बातचीत के बीच बीच में वे विधायकों को हाथ जोड़कर कर धरना समाप्त करने को मनाते भी दिखते हैं। किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इसके भाजपा नेता आग बबूला हो गये।
अधिकारियों को हटाया, कांग्रेस विधायकों पर केस दर्ज
देर रात भोपाल से जारी हुए आदेश में एसडीएम राकेश शर्मा को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करते हुए डिप्टी कलेक्टर सामान्य प्रशासन विभाग (पूल) पदस्थ किया गया है, जबकि पंढरीनाथ सीएसपी डीके तिवारी को उपपुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय भोपाल पदस्थ किया गया। वहीं पुलिस ने बगैर अनुमति धरना देने के मामले में तीनों विधायकों व शहर कांग्रेस अध्यक्ष आदि के साथ ही राशन बांटने वाले पूर्व विधायक के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया।