भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए है, ऐसे में में फसलों को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है, जिसके चलते सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Chief Minister Shivraj Singh) ने आपदा नियंत्रण केन्द्र (Disaster control center) को चौबीस घंटे सक्रिय रहने के निर्देश दिए है वही किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल (Farmer Welfare and Agriculture Development Minister Kamal Patel) ने किसानों को लेकर बड़ा बयान दिया है।पटेल ने कहा कि नुकसान की स्थिति में सरकार भरपाई करेगी ।नियंत्रण कक्ष मुस्तैदी से फसल स्थिति की निगरानी करें।
दरअसल, विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में पटेल ने कहा कि कुछ जिलों में एक ओर जहाँ अतिवर्षा हो रही है, वहीं दूसरी ओर फसलों को कीट व्याधि से नुकसान पहुँचने की अशंकाएँ अधिक हैं। उन्होंने जिलों में गठित जिला स्तरीय दलों को नियमित भ्रमण करने और किसानों को उचित सलाह देने के निर्देश दिये हैं। दल में कृषि वैज्ञानिकों को भी सम्मिलित किया गया है। बारिश और कीट व्याधि से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार विभिन्न शासकीय योजनाओं के अंतर्गत अनुदान से करेगी। उन्होंने कहा कि फसलों की स्थिति की सतत निगरानी के लिये जिला स्तर पर बनाये गये नियंत्रण कक्षों में मुस्तैदी से कार्य किया जाना अधिकारी सुनिश्चित करें।
पटेल ने कहा कि दल द्वारा कीट व्याधि से फसलों के बचाव के साथ ही जल भराव की स्थिति में जल निकासी के लिये किसानों को सलाह नियमित रूप से दी जाये। खेतों में कीट व्याधि परिलक्षित होने पर किसानों को विभिन्न योजनाओं में किये गये प्रावधानों के अनुसार अनुदान राशि भी उपलब्ध कराई जायेगी।जिलों में स्थापित नियंत्रण कक्ष दैनिक समीक्षा करेंगे। फसलों की समुचित निगरानी के लिये राज्य स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम का दूरभाष क्रमांक-0755-2558823 है। निगरानी के लिये राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। श्री पटेल ने कहा कि फसल स्थिति की नियमित समीक्षा प्रतिदिन सुबह 11 बजे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से गंभीरतापूर्वक करें।
किसानों को आवश्यक मार्गदर्शन उपलब्ध करवाएं-शिवराज
वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में फसलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली और कहा यदि कहीं अतिवर्षा से फसलों पर प्रभाव पड़ता है तो किसानों को आवश्यक मार्गदर्शन उपलब्ध करवाया जाए। जिला मुख्यालय स्थित आपदा नियंत्रण केन्द्र को 24 घंटे सक्रिय रखा जाए। सभी कलेक्टर्स जिले के बड़े बांधों और जलाशयों की स्थिति पर नजर रखें। संबंधित अमला पूर्ण सजग, सतर्क रहे। नर्मदा घाटी विकास विभाग के कंट्रोल रूम से भी निरंतर संपर्क रखा जाए ताकि जलभराव और बांधों के गेट खोलने की स्थिति आने पर सभी आवश्यक इंतजाम हो सकें। संभागीय कमिश्नर्स भी नियमित मॉनिटरिंग कर कठिनाई की स्थिति में समाधान निकालने में पीछे न रहें। बाढ़ की स्थिति में आपदा राहत के लिए सभी उपयोगी उपकरण कार्य करने की स्थिति में रखते हुए बचाव दल मुस्तैद रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने फसलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी ली।
कृषि संचालनालय में भी कंट्रोल रूम का गठन-प्रमुख सचिव
प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी ने बताया कि वर्तमान समय में फसलों पर कीट व्याधि की समस्या सामने आती है। किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग ने जिलों में दल बनाकर क्षेत्र के भ्रमण के निर्देश जारी किए हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कीट व्याधि की समस्या के समाधान के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है। विभागीय योजना में किसानों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। यदि कहीं जलभराव की स्थिति बनती है तो जल निकासी करने का किसानों को आवश्यक परामर्श दिया जा रहा है। दैनिक समीक्षा के लिए जिलास्तर पर नियंत्रण कक्ष भी बनाने के निर्देश दिए गए है। कृषि संचालनालय में भी कंट्रोल रूम गठित किया गया है।