भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
भले ही बीजेपी ने एमपी (Madhypradesh) में सिंधिया समर्थकों के साथ मिलकर सरकार बना ली है, लेकिन अबतक अपनों की नाराजगी और असंतोष को दूर नही कर पाई है। आए दिन नेताओं की नाराजगी मीडिया मे सुर्खियां बन रही है। एक बार फिर ग्रामीण विधानसभा पाटन से भाजपा के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री अजय विश्नोई (Former Minister And BJP MLA Ajay Vishnoi) ने ट्वीट कर सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी। हालांकि विश्नोई ने ट्वीट डिलिट कर दिया है, लेकिन इसका स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया (Screen shot viral on social media) पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस ट्वीट ने जहां बीजेपी (BJP) में हलचल कर दी है, वही विपक्ष को बीजेपी और सिंधिया समर्थकों को घेरने का मौका दे दिया है।
दरअसल, अजय विश्नोई ने ट्वीट कर लिखा था कि दो दिन से राहत इंदौरी को सुन रहा हूं।आज सुनी उनकी एक गजल की दो लाइन दिल को छू गई। क्या दिन दिखा रही सियासत की धूप छांव, जो कल सपूत थे, वो आज कपूतो में आ गए। हालांकि अब विश्नोई ने अपने इस ट्वीट को डिलिट कर दिया है, लेकिन इसका स्क्रीन शॉट अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ट्वीट से साफ झलक रहा है कि निशाना सिंधिया और उनके समर्थकों पर है।ट्वीट में बीजेपी नेताओं को नजरअंदाज करने की पीढ़ा भी साफ दिखाई दे रही है।
खास बात ये है कि इस ट्वीट के स्क्रीन शॉट को कांग्रेस ने शेयर किया है। हर बार की तरह इस बार फिर कांग्रेस ने विश्नोई के ट्वीट के माध्यम से सिंधिया और बीजेपी को घेरा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता केके मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि श्रीअंत” और उनके चापलूस पट्ठों के कारण भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जो पीड़ा हो रही है, वह पूर्व मंत्री श्री अजय विश्नोई की बातों में स्पष्ट झलकती है। “सपूतों के कपूत” होने का दर्द वास्तव में सही है,पर पार्टी से डरकर ट्वीट डिलीट करना भी किसी त्रासदी से कम नहीं!
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही जारी है ट्वीट का सिलसिला
बता दे कि यह पहला मौका नही है जब विश्नोई का ने सरकार को घेरा हो। इसके पहले भी विश्नोई ट्वीट कर मंत्रिमंडल विस्तार विभागों के बंटवारे को लेकर सवाल खड़े कर चुके है।हाल ही में उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि मुख्यमंत्री शिवराज जी चिरायु अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। मेरी शुभकामना है, शीघ्र स्वस्थ होकर वापस लौटे। साथ ही माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है,चिरायु अस्पताल में रहते हुए यह भी देखें कि चिरायु में ऐसा क्या है जो हम नो लिमिट बजट और सतत मॉनिटरिंग के बाद भी प्रदेश के एक भी शासकीय मेडिकल कॉलेज 4 माह में नहीं बना पाए। क्यों प्रदेश के सभी वीआईपी चिरायु की शरण में जाने मजबूर है।वही विधायकों की कांग्रेस छोडने और बीजेपी में शामिल होते ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने पर ट्वीट कर लिखा था कि इस हाथ दे-उस हाथ ले, का शानदार उदाहरण प्रस्तुत हुआ है, म.प्र. की वर्तमान राजनीति में। आज जब सरकार ना तो बनाना थी और न गिराना। फिर यह क्यों किया गया? आप भाजपा को कहां ले जाना चाहते हैं? जनता को बताए ना बताए भाजपा को यह बताना होगा। या फिर हमें संस्कारों का उल्टा पाठ पढ़ाना होगा। वही विभागों के बंटवारे में हो रही देरी को लेकर पार्टी पर तंज कसा था। विश्नोई ने कहा था कि पहले मंत्रियों की संख्या और अब विभागों का बंटवारा। मुझे डर है कही भाजपा का आम कार्यकर्ता हमारे नेता की इतनी बेइज्जती से नाराज न हो जाय। नुकसान हो जाएगा।अब इस ट्वीट ने सियासत गर्मा दी है।
"श्रीअंत" और उनके चापलूस पट्ठों के कारण भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जो पीड़ा हो रही है, वह पूर्व मंत्री श्री अजय विश्नोई की बातों में स्पष्ट झलकती है। "सपूतों के कपूत" होने का दर्द वास्तव में सही है,पर पार्टी से डरकर ट्वीट डिलीट करना भी किसी त्रासदी से कम नहीं! @OfficeOfKNath pic.twitter.com/0hnTtrAGPs
— KK Mishra (@KKMishraINC) August 14, 2020