कर्मचारी संघ का आरोप, प्रदेश में 11 साल से नहीं बढ़ा वाहन एवं मकान किराया भत्ता

Avatar
Published on -
कर्मचारी

 

Bhopal News :मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का आरोप है कि  प्रदेश के कर्मचारियों को इस भीषण महंगाई में भी 11 साल से छठवें वेतनमान के बाद सितंबर 2012 से वाहन भत्ता₹200 व मकान किराया भत्ता 10 7 5 3% की दर से आज 2023 में भी मिल रहा है जबकि 2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया है, जिसके चलते राज्य सरकार के कर्मचारियों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। आरोप है कि 7 साल 4 महीने में गृह भाड़ा भत्ता न बढ़ाने पर 2 लाख 34000 से ₹10 लाख 27000 रू का नुकसान चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी अधिकारी को हुआ, वही राज्य कर्मचारीयों को जो मकान किराए भत्ते मिल रहे है, उसमें झुग्गी भी नहीं मिलती है। कर्मचारियों को 2185 से लेकर ₹9594 महीने का गृह भाड़ा भत्ते में नुकसान हो रहा है, वही ₹200 रुपए में महीने भर में कर्मचारी वाहन कैसे चलाएं।

इस तरह उठाना पड़ रहा नुकसान 

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी के अनुसार सातवां वेतनमान लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वाहन भत्ता 1800 रु व उस पर 42% महंगाई भत्ता मिलाकर 2556 रुपए वाहन भत्ते के रूप में मिल रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश के चार महानगर में कार्यरत कर्मचारी को मात्र ₹200 महीना वाहन भत्ते के रूप में मिलते हैं, जबकि पेट्रोल के दाम ₹108 लीटर से ज्यादा हैं, जहां केंद्र के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार मकान किराया भत्ता 18% मिल रहा है, वहीं राज्य के कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के बाद 11 साल पहले लागू 10 7 5 3% प्रतिशत के हिसाब से ही मिल रहा है, एक ही राज्य में रहने वाले केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के भत्तों में इतना अंतर है, जबकि महंगाई केंद्र एवं राज्य कर्मचारियों सबके लिए समान है, राज्य में लागू वाहन एवं मकान किराए भत्ते के रूप में मिलने वाली राशि में महीने भर वाहन चलाना एवं एक अच्छा मकान किराए पर मिलना मुश्किल है, वेतन भत्तों में अंतर होने से प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने वाहन एवं मकान किराया भत्ता केंद्र के समान करने की मांग माननीय मुख्यमंत्री से की है।

 

 


About Author
Avatar

Sushma Bhardwaj

Other Latest News