विश्व प्रसिद्ध सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खां ने सिंधिया परिवार और मप्र की सरकार और मुख्यमंत्री कमलनाथ से मदद करने की गुहार लगाई है। उन्होंने सिंधिया परिवार और सीएम कमलनाथ से पांच करोड़ की मदद मांगी है।उनका कहना है कि आज के दौर में ग्वालियर में सरोद घर को मेंटेन रखना मुश्किल हो रहा है, इसके लिए 5 करोड़ रुपए की जरूरत है।इस बात का दावा एक मीडिया रिपोर्ट में किया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अपील करना चाहता हूं कि ग्वालियर के इंडस्ट्रियलिस्ट, सिंधिया परिवार, या मप्र की सरकार हो, या सीएम कमलनाथजी या कोई 5 लोग मिलकर यह राशि दिलवा दें। ताकि, सरोद घर का जो भी काम रिपेयर का शुरू हुआ है, वो पूरी तरह से मुकम्मिल हो जाए। फिक्स्ड डिपोजिट के इंटरेस्ट से सरोद घर का फ्यूचर बना रहेगा।आगे उन्होंने कहा कि उस जमाने में अर्जुन सिंह जी एमएचआरडी मिनिस्टर थे, उनसे फाइनेंशियल हेल्प मिली। लेकिन हमने सिंधिया परिवार से कभी कोई फाइनेंशियल हेल्प मांगी नहीं।लेकिन अब सरोद घर को मेंटन रखना मुश्किल हो रहा है, इसलिए मदद की गुहार लगी है।
अमजद अली खान का सफर
अफगानिस्तान से ही आए थे अमजद अली खान के पुरखे. बंगश कहलाते थे। खानदानी पेशा था घोड़ों की तिजारत लेकिन रबाब बड़े शौक से बजाया करते थे। अमजद अली खान कहते हैं कि उनके पुरखों ने ही रबाब को ‘मॉडिफाई’ करके सरोद बनाया।ग्वालियर में ही 1945 में घर के छठे चिराग के तौर पर आए अमजद अली खान. बचपन में नाम रखा गया- मासूम अली खान था।अमजद ने अपने गुरु ग्वालियर में उस्ताद हाफिज अली खान के पुश्तैनी घर को म्यूजियम बना दिया गया है। नाम है- सरोद घर। वहां पुराने उस्तादों के साज रखे हैं, अनगिनत दुर्लभ तस्वीरें रखी हैं। अमजद अली खान ने अपने पिता और उनके समकालीन संगीतकारों पर एक किताब भी लिखी है My Father, Our Fraternity । दुनिया के बड़े-बड़े सम्मान के अलावा देश में खान साहब पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से नवाजे जा चुके हैं।