MP News : महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में मध्य प्रदेश सरकार ने एक नया कदम बढ़ाया है, खास बात ये है जो काम मध्य प्रदेश में हो रहा है वो देश में पहली बार होने जा रहा है, मध्य प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित देश के पहले टोल प्लाजा शुरू हुए हैं, आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में मप्र सड़क विकास निगम के साथ स्व- सहायता समूह की इन बहनों का समझौता हुआ है। मध्य प्रदेश में महिला शक्ति द्वारा अब एक नई इबारत लिखी जा रही है, अब से आगर मालवा का चाचाखेड़ी, उज्जैन का कायथा और छतरपुर का संजयनगर टोल प्लाजा महिला शक्ति के हवाले रहेगा।
तीन टोल प्लाजा संभालेंगे तीन महिला स्व सहायता समूह
बताया गया है कि अब से शाजापुर-दोपड़ा नलखेड़ा मार्ग पर चाचाखेड़ी गांव में स्थित टोल प्लाजा का संपूर्ण प्रबंधन और संचालन ज्योति महिला स्व-सहायता समूह करेगा, श्रीमती राजू बाई इसकी अध्यक्ष हैं। वराहमिहिर आजीविका संकुल स्तरीय संगठन कायथा, उज्जैन, कायथा टोल प्लाजा का प्रबंधन करेगा, श्रीमती कौशर परवीन इसकी अध्यक्ष हैं और प्रगति सामुदायिक महिला आजीविका संगठन छतरपुर में संजयनगर टोल का प्रबंधन संभालेगा। आपको बता दें कि यह ऐतिहासिक पहल मप्र कैबिनेट के निर्णय के कारण संभव हो सकी है जिसके अनुसार 2 करोड़ रुपए तक कलेक्शन वाले टोल प्लाजा का प्रबंधन महिला स्व सहायता समूहों को दिया जाएगा ताकि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके।
स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हर बहन लखपति हो : शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में आज मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम ने महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि टोल प्लाजा चलाना हिम्मत और दबंगई का काम समझा जाता है। प्रदेश में महिलाओं के स्व-सहायता समूह टोल प्लाजा संचालन की जिम्मेदारी ले रहे हैं यह महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण है। मुझे पूरा विश्वास है कि बहनें अपने संकल्प में सफल होंगी औऱ दक्षतापूर्वक टोल प्लाजा का संचालन करेंगी। दुनिया देखेगी कि मध्य प्रदेश की महिलाएं, पुरुषों के वर्चस्व वाले इस कार्य में भी नई उपलब्धियां अर्जित करेंगी।
टोल कलेक्शन का 30% हिस्सा महिलाओं के समूह को मिलेगा
मुख्यमंत्री ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे उत्साह, आत्मविश्वास व सकारात्मकता से काम करें और दुनिया को दिखाएं कि महिलाएं किसी भी गतिविधि में पीछे नहीं हैं। यह महिलाओं द्वारा किए जाने वाले कार्यों के दायरे को बढ़ाने की पहल है। टोल-प्लाजा संचालन से महिलाएं जितनी राशि संग्रहित करेंगी, उसका 30 प्रतिशत बहनों को मिलेगा। मेरी कामना है कि आप टोल प्लाजा का सफल संचालन करें और स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हर बहन लखपति हो।
बहनों ने कहा कि उम्मीद नहीं थी कि हम इतनी प्रगति कर लेंगे
मुख्यमंत्री को महिला स्वसहायता समूह की सदस्यों ने राखी बांधी तथा टोल संचालन की जिम्मेदारी देने के लिए उनका आभार माना। बहनों ने कहा कि स्व सहायता समूह से जुड़कर वे सीढ़ी दर सीढ़ी इतनी प्रगति कर लेंगी, ऐसा उन्होंने नहीं सोचा था। समूह की बहनों के पास आज ट्रेक्टर, जीप आदि है। वे दिल्ली हरियाणा और देश के अन्य भागों की यात्रा कर रही हैं। साबुन बनाने, पापड़-बड़ी बनाने, सेंट्रिंग लगाने जैसे कार्यों से अब उन्हें टोल प्लाजा चलाने की जिम्मेदारी भी मिल रही है, यह सब उनकी सोच से परे था। बहनों ने कहा कि यह सब मुख्यमंत्री जी की पहल, संवेदनशीलता और निरंतर प्रेरणा से ही संभव हुआ।
क्या है एम.ओ.यू. में ?
समझौते के अनुसार, टोल प्लाजा का प्रबंधन करने वाले महिला समूह को टोल कलेक्शन का 30% मिलेगा बाकी का हिस्सा एमपीआरडीसी को मिलेगा। कैबिनेट निर्णय के तुरंत बाद, समूह के सदस्यों को मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया। टोल प्लाजा प्रबंधक राजेश पाण्डेय ने उन्हें टोल प्लाजा प्रबंधन के तकनीकी पहलू के बारे में प्रशिक्षित किया। एमपीआरडीसी इंटरनेट, कनोपी, इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायेगा। एमपीआरडीसी के विभागीय प्रबंधक समूह की महिला सदस्यों का मार्गदर्शन करेंगे और उन्हें समय समय पर सहयोग करेंगे। महिला समूह केवल अपने सदस्यों के माध्यम से टोल कलेक्शन करेगा। इस कार्य को किसी अन्य एजेंसी को नहीं सौंप सकेगा। यदि टोल कलेक्शन 2 करोड़ रुपए से अधिक होता है तो यह कार्य एमपीआरडीसी करेगा। महिला सदस्यों का जीवन बीमा किया जायेगा। टोल कलेक्शन राशि को हर दिन संयुक्त बैंक खाते में जमा किया जाएगा। टोल कलेक्शन राशि से पहले इंटरनेट, बिजली, पानी जैसी टोल प्लाजा की अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं में खर्च किया जाएगा। प्रारंभ में सफाई, रिकॉर्ड रखने, बैक संबंधी कार्य समूह द्वारा किए जाएंगे।