आरिफ मसूद ने बताया- क्यों नही किया गया मप्र उपचुनावों की तारीखों का ऐलान

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बिहार विधानसभा चुनाव  (Bihar Assembly Elections)  की तारीखों का ऐलान हो गया है, लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में उपचुनाव कब होगा इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। शुक्रवार को कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव आयोग  (Election commission) बिहार चुनावों के साथ मप्र उपचुनावों (MP by-elections)  की तारीखों का भी ऐलान कर देगा, लेकिन ऐसा नही हुआ। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (Chief Election Commissioner Sunil Arora) ने कहा कि 29 सितंबर को बैठक बुलाई गई है उसी में एमपी समेत सभी राज्यों के उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। इस देरी के चलते एमपी में सियासत शुरु हो गई है, कांग्रेस के कद्दावर विधायक आरिफ मसूद (Congress MLA Arif Masood) ने चुनाव आयोग पर भाजपा (BJP) के इशारों पर काम करने के आरोप लगाए है।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने ट्वीट कर शिवराज सरकार (Shivraj Government) पर आरोप लगाए है। मसूद ने ट्वीट कर लिखा है कि #चुनाव_आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है बिहार चुनाव के साथ ही मध्य प्रदेश के 28 #विधानसभा उप चुनाव की भी घोषणा कि जाना थी लेकिन #मुख्यमंत्री_शिवराज_सिंह_चौहान के 28 तारीख तक चुनावी क्षेत्रों के कार्यक्रमों मे झूठी घोषणाएं करने की वजह से उप चुनाव की घोषणा नहीं की गई। मसूद के इस ट्वीट के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा-कांग्रेस के बीच वार-पलटवार का दौर शुरु हो गया है।

गौरतलब है कि इतिहास में यह पहला मौका है जब एमपी की 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है।यह चुनाव मप्र का भविष्य़ तय करेंगे। 25 सीटे सिंधिया समर्थकों और पूर्व विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई है। वही तीन सीटे विधायकों के निधन के बाद खाली हुई है। इस बार का चुनाव दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्व माना जा रहा है, जहां भाजपा के लिए सरकार बचाना चुनौती है वही कांग्रेस के लिए कमबैक करना।वर्तमान में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है, BJP को पूर्ण बहुमत के लिए जहां 9 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज करनी है, वहीं कांग्रेस को सभी 28 स्थानों पर जीत हासिल करनी होगी, तभी उसे पूर्ण बहुमत हासिल हो पाएगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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