कुर्सी बचाने में जुटे एएसपी क्राइम, जुआ-सट्टा, अवैध शराब पकड़ने के आदेश

भोपाल। फराज शेख | क्राइम ब्रांच की छवि सुधार कार्य अधिकारियों ने शुरू कर दिया है। एएसपी क्राइम निश्चल झारिया अपनी कुर्सी बचाने में जुट गए हैं। शहर में सक्रीय जुआरियों सटोरियों और अवैध शराब के तस्करों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश एएसपी ने दो दिन पहले मीटिंग लेकर क्राइम ब्रांच में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए हैं। क्राइम ब्रांच सूत्रों की माने तो मीटिंग में तीन पुलिसकर्मियों को जमकर फटकारा गया है। हर हाल में अपराधियों पर नकेल कसने की ताकीद एएसपी ने इस मीटिंग में की है। वहीं पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अधिकारी भी लगातार उजागर हो रहे क्राइम ब्र्रांच के कारनामो पर नजरें बनाए हुए हैं। ऐसा सरकार के दबाव में किया जा रहा है। पिछले दिनों क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी की शिकायतें सीएम तक पहुंची थीं। मुख्यालय के आदेश पर इस अधिकारी का शजरा राजधानी में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा खंगाला जा रहा है। जल्द यहां से दो बड़े अधिकारियों की रुखसत की जा सकती है।

जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच सबसे पहले तब सुर्खियों में आई थी जब सीहोर के चोरों सेे लाखों रूपए का सोना रिकवर कर चोरों को छोडऩे की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था। इसके बाद में क्राइम ब्रांच के कर्मचारियों ने कई थानों में जुआरियों और सटोरियों को संरक्षण देने की पैरवी की थी। थाना प्रभारियों ने इस बात की जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई थी। बाद में गोलीकांड के एक संदेही को उठाकर वसूली कर छोडऩे के आरोप लगे, इस मामले में प्रधान आरक्षक महेंद्र व एक अन्य पर आरोप लगे। महेंद्र एक आईपीएस का खास माना जाता है। क्राइम ब्रांच सूत्रों की माने तो दूसरे पुलिसकर्मी को इस मामले में लाइन हाजिर किया गया। हालांकि महेंद्र को एक आईपीएस से नजदीकी का फायदा मिला और उसे बचाने की कोशिशें शुरू कर दी गई। मामले की जांच पहले एएसपी क्राइम को सौंपी जा रही थी। बाद में जांच का जिम्मा एएसपी जोन-2 संजय साहू को सौंप दी गई। कल इस मामले में फरियादी पक्ष ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। जिसके बाद में महेंद्र पर गाज गिरना भी तय माना जा रहा है। वहीं जहांगीराबाद टीआई विरेंद्र सिंह चौहान ने भी इसी केस से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य दो दिन पहले डीआईजी इरशाद वली को सौंपे हैं।


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