भोपाल। बीजेपी से बागी हुए वरिष्ठ नेता रामकृष्ण कुसमारिया के कांग्रेस में शामिल होते ही प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। जहां शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री रही कुसुम मेहदेले ने इसका विरोध किया है वही भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने इसका समर्थन किया है। उन्होंने कुसमारिया के फैसले को सही बताया है और अपनी ही पार्टी पर बुजुर्ग नेताओं को दरकिनार करने को लेकर फिर सवाल खड़े किए है । गौर ने कुसमारिया के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले को सही कदम बताया है। गौर ने कहा कि जिस हालात में कुसमारिया ने कांग्रेस ज्वाइन की है, वह सही समय पर सही फैसला है। इधर कमलनाथ सरकार के एक और मंत्री हर्ष यादव गौर से मुलाकात करने पहुंचे ।
दरअसल, आज मीडिया से चर्चा के दौरान गौर से जब कुसमारिया के कांग्रेस में जाने के फैसले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका समर्थन करते हुए कहा कि कुसमरिया ने बहुत अच्छा किया।साथ ही भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ने कुसमरिया का सम्मान नही किया। कुसमारिया बीजेपी में दुखी थे । कुसमरिया अपनी काबिलियत से 3 बार विधायक और 5 बार के सांसद बने थे, बावजूद इसके पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज किया। वही उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर गौर ने कहा कि लोकसभा का पता नही, लेकिन मैं फिलहाल तो गंगा की डुबकी लगा कर आया हूँ। दूसरी तरफ भाजपा की वरिष्ठ नेता कुसुम मेहदेले ने कुसमारिया के फैसले को गलत बताया है। मेहदेले का कहना है कि पार्टी ने कुसमारिया को बहुत कुछ दिया, उन्हें ऐसा नही करना चाहिए था।
बता दे कि बीते दिनों कुसमारिया गौर से मिलने उनके घर पहुंचे थे। दोनों के बीच लम्बी चर्चा हुई थी। इस दौरान उन्होंने मीडिया में दावा किया था कि गौर साहब की तरह उन्हें भी कांग्रेस से ऑफर मिला है। तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कुसमारिया कांग्रेस में शामिल होंगें। शुक्रवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाए कि भाजपा में एक के बाद एक वरिष्ठ नेताओं को रास्ते से हटाया गया। बाबूलाल गौर, रघुनंदन शर्मा , सरताज सिंह जैसे लोगों को पार्टी ने 75 के फार्मूले का हवाला देकर साइड किया। बीजेपी औरंगजेब बन गई है, जिसने सत्ता के लिए अपने पिता को कैद कर दिया था।
गौर से मिले कमलनाथ के मंत्री
वहीं हर्ष यादव गौर से मिलने पहुंचे| उन्होंने गौर के साथ हुई मुलाकात को सौजन्य मुलाकात बताया है। गौर से आए दिन कांगे्रस नेता मुलाकात कर रहे हैं। यह सिलसिला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुरू किया। इसके बाद मप्र सरकार कई मंत्री गौर के घर आ चुके हैं। जब गौर से पूछा कि क्या वे दिग्विजय के ऑफर पर कांग्रेस में जाएंगे तो गौर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। गौर की कांग्रेस नेताओं से बढ़ती नजदीकी से भाजपा खेमे में हड़कंप मचा है। क्योंकि भाजपा को इस बात का डर है कि लोकसभा चुनाव में गौर टिकट मांग सकते हैं और नहीं मिलने पर अन्य विकल्पों पर भी विचार करक सकते हैं। हालांकि गौर द्वारा पूर्व में दिए गए बयानों पर वे संगठन के सामने हाजिरी लगा चुके हैं।