भोपाल।
विधानसभा में खराब प्रदर्शन के चलते हाल ही में सपा ने अपनी एमपी की कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। लेकिन अब जल्द ही लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश की कार्यकारिणी घोषित की जानी है। इसके पहले ही नेताओं में प्रदेशाध्यक्ष बनने की होड़ लग गई है, करीब 28 लोगों ने प्रदेशाध्यक्ष बनने की दावेदारी पेश की है, उन्होंने अपनी बात पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव तक भी पहुंचा दी है।हालांकि अंतिम फैसला अखिलेश को ही लेना है।सुत्रों की माने तो अखिलेश को एक ऐसे व्यक्ति की तलाश है जो सपा के प्रभाव वाली सीटों पर फोकस कर सके और जीत दिलवा सके। हालांकि अभी तक पार्टी की तरफ से इस संबंध में कोई जानकारी सामने नही आई है।
दरअसल, नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए नए पदाधिकारियों की घोषणा होनी बाकी है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे गौरी शंकर यादव को हटाए जाने के बाद से ही प्रदेश के कई बड़े नेता समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद को प्राप्त करने के लिए लखनऊ में डेरा जमाए हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही समाजवादी पार्टी प्रदेश की नई कार्यकारिणी की घोषणा कर सकती है।खबर है कि लोकसभा चुनाव को ध्यान मे रखते हुए सपा इस महीने नई कार्यकारिणी गठित कर देगी। नई कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद के लिए 28 दावेदारअपनी दावेदारी ठोक रहे हैं जिसमें पूर्व सांसद से लेकर विधायकों के नाम शामिल है।खबर है कि पूर्व सांसद कंकर मुंजारे, पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम, केके सिंह, डॉ.शिशुपाल यादव, हरगोविंद चौकसे समेत कई नेताओं ने अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी जताई है। इसके अलावा उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों के लिए भी कई नाम चर्चा में चल रहे है। हालांकि अंतिम फैसला सपा प्रमुख अखिलेश को ही लेना है।
गौरतलब है कि बीते दिनों विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के चलते अखिलेश यादव द्वारा प्रदेश की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था। लेकिन अब लोकसभा चुनाव को मद्देनजर ऱखते हुए पार्टी फिर से कार्यकारिणी का गठन करने जा रही है। इस बार सपा, बसपा के साथ गठबंधन कर पूरी तैयारी से मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। इसलिए प्रदेशाध्यक्ष के लिए ऐसे नाम की तलाश कर रही है जो सपा प्रभाव वाली सीटों पर जीत दिलवा सके। चुंकी विधानसभा चुनाव में सपा ने 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन सिर्फ एक ही सीट वह जीतने में कामयाब हो पाई थी। प्रदेशाध्यक्ष गौरी सिंह यादव पार्टी को जिताने में असमर्थ रहे थे।