भोपाल| कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में उपचुनाव (By-Elelction) के लिए सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है| भाजपा (BJP) ने 24 सीटों के लिए उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए असंतुष्ट नेताओं के साथ बातचीत शुरू कर दी है। पिछले दिनों हुए सियासी घटनाक्रम का असर भाजपा में भी हुआ है और कुछ नेता अपनी राजनीति को संकट में देख नाराज चल रहे हैं| जिनकों मानाने की पहल की जा रही है| वहीं कांग्रेस (Congress) भी ऐसे नेताओं पर नजर रख रही है| उपचुनाव से पहले अपने पाले में लाने की कोशिश की जा रही है|
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री सुहास भगत ने नाराज नेताओं को उपचुनावों में भाजपा उम्मीदवारों के लिए काम करने और कांग्रेस के जाल में न पड़ने के लिए कहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अनूप मिश्रा, दीपक जोशी, राकेश शुक्ला, पारुल साहू, सुधीर यादव, रुस्तम सिंह, लाल सिंह आर्य, केएल अग्रवाल, मुकेश चतुर्वेदी, सतीश सिकरवार, माया सिंह, जयभान सिंह पवैया, शिवमंगल सिंह तोमर, अशोक अर्गल, गौरीशंकर सेजवार, माया , रामलाल रौतेल, राधेश्याम पाटीदार और अन्य नेताओं को संदेश दिया गया है।
कुछ नेताओं ने चौहान, भगत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात की। लॉक डाउन के दौरान शिवराज, वीडी शर्मा और सुहास भगत के साथ उन नेताओं की मुलाकात के बारे में अटकलें लगाईं जा रही है। जो लोग अभी तक शीर्ष नेतृत्व से नहीं मिले हैं, उन्हें भाजपा में बने रहने के लिए कहा गया है। वहीं कांग्रेस उन कुछ नेताओं के संपर्क में है, जिनका उन क्षेत्रों में प्रभाव है जहां उपचुनाव होंगे।
कांग्रेस इन नेताओं पर नजर बनाये हुए हैं|
नाराज चल रहे नेताओं को साधने की कोशिश की जा रही है, उन्हें निगम मंडल और अन्य संगठनों में स्थान देने के बारे में चर्चा चल रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं को कुछ प्रभावशाली नेताओं के माध्यम से बताया जा रहा है कि उन्हें न तो कांग्रेस में शामिल होना चाहिए और न ही पूर्व कांग्रेस विधायकों का विरोध करना चाहिए, जो उप-चुनावों में भाजपा से मैदान में होंगे।