हैरानी की बात तो ये है कि निलंबन के बाद से ही सोशल मीडिया (Social Media) पर दिनभर कलेक्टर के तौर पर भरत यादव (Bharat Yadav) और एसपी के तौर पर रघुवंश सिंह भदौरिया (Raghuvansh Singh Bhadoria) का नाम चर्चाओं में रहा।सभी को यकीन था कि इन्हीं दोनों अधिकारियों को मुरैना की कमान सौंपी जाएगी, लेकिन देर शाम होते होते पूरा नजारा ही बदल गया।
सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Adminstration) ने डिंडौरी कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन को मुरैना कलेक्टर और गृह विभाग मंत्रालय (Home department) ने आईपीएस सुनील पांडे के मुरैना एसपी बनाए जाने के आदेश जारी कर दिए। यह सबसे चौंकाने वाला रहा, चुंकी सियासी गलियारों में पूरी संभावना जताई जा रही थी कि भरत और रघुवंश को ही जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, यहां तक की दोनों अधिकारियों को बधाई मिलना भी शुरु हो गई थी, लेकिन शाम को आदेश जारी होते ही पूरा नजारा ही बदल गया।इसके पीछे क्या वजह रही यह अभी तक सामने नही आया है।
दरअसल, आज बुधवार को मुरैना जहरीली शराब कांड (Poisonous liquor) मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने मुरैना के कलेक्टर और एस.पी. को हटाने के निर्देश दिए। साथ ही संबंधित क्षेत्र के एसडीओपी (Morena SDOP) को निलंबित (suspended) करने के निर्देश दिए गए हैं। जबकी आबकारी अधिकारी को पूर्व में ही निलम्बित किया जा चुका है।
वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुरैना की घटना अमानवीय और तकलीफ पहुँचाने वाली है। प्रदेश में मिलावट के विरुद्ध अभियान संचालित है, फिर भी यह दु:खद घटना हुई। इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। अन्य जिले भी सजग रहें। ऐसे मामलों में कलेक्टर, एस.पी. जिम्मेदार माने जाएंगे। दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एक्शन भी लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसी घटना पर मैं मूकदर्शक नहीं रह सकता। ड्रग माफिया के विरुद्ध सख्त अभियान जारी रहे। पूरे प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ अभियान चले। अवैध शराब बिक्री पर पूरा नियंत्रण हो। ऐसा व्यापार करने वालों को ध्वस्त किया जाए। मुरैना जिले में हुई घटना में उपयोग में लाई गई मिलावटी शराब के निर्माण केन्द्र और दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही के साथ ही संबंधित डिस्टलरी की जाँच के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने आबकारी और पुलिस अमले की पद-स्थापना में निश्चित समयावधि के बाद परिवर्तन के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि डिस्टलरी के लिए पदस्थ आबकारी अमले और ओआईसी को ओवर टाइम दिए जाने की व्यवस्था में भी परिवर्तन किया जाए।