भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा इलाके बुधनी में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा पर प्रदेश के एक रिटायर आईएएस अधिकारी ने सवालिया निशान खड़े किए हैं। उन्होंने सवाल पूछा है कि आखिरकार तहसील मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज खोलने का क्या औचित्य है।
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राजेश बहुगुणा राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत होने के बाद कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वर्तमान में वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अपने बेबाक लेखों के लिए जाने जाते हैं। एक दिन पूर्व उन्होंने अपने फेसबुक पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कुछ दिन पहले की गई घोषणा पर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र बुधनी में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है जिस पर सवालिया निशान खड़े करते हुए बहुगुणा ने लिखा है कि कोई यह प्रश्न उठाएगा कि जब कटनी, बुरहानपुर नीमच देवास जैसे बड़े शहरों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं और धार,बालाघाट, शाजापुर बड़वानी खरगोन बैतूल होशंगाबाद मंदसौर टीकमगढ़ सीधी जैसे जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं तो बुधनी जो कि तहसील मुख्यालय है, में मेडिकल कॉलेज क्यों खोला जा रहा है?
जनता और जनप्रतिनिधि सोए हुए हैं या वंदना में लीन हैं।
नौकरशाह तो क्या कहें? उन्होंने क्या और क्यों अनुशंसा की है।
क्या पहले प्राथमिकता में सभी जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज नहीं खोले जाने चाहिए थे?
क्या बुधनी की जगह सीहोर या आष्टा मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्त जगह नहीं हैं।
झांसी से 25 किलोमीटर और ग्वालियर से 70 किमी दूर छोटे से जिला मुख्यालय दतिया में आज से 6 वर्ष पूर्व खुले मेडिकल कालेज का हाल पता कर लें, कौव्वे बोलते हैं। सभी बीमार झांसी या ग्वालियर जाते हैं। बुधनी का भी यही हाल होना है।