खतरनाक स्ट्रीट डॉग्स से सुरक्षित होगी राजधानी, कमिश्नर ने दिए जरूरी निर्देश

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भोपाल | मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले दिनों स्ट्रीट डॉग के हमले से हुई एक बच्चे की मृत्यु जैसी घटनाएं रोकने के लिए कमिश्नर श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने सख्ती दिखाई है| उन्होंने अधिकारियों को तत्काल प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए  हैं । नगर निगम, अशासकीय संगठनों, पशु प्रेमियों के साथ आज सम्पन्न हुई बैठक में चर्चा के बाद तय हुआ है कि 24 घंटों में ही कुछ जरूरी कदम उठाए जाएंगे।  

कमिश्नर श्रीमती श्रीवास्तव ने पशु पालन विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे इस माह के अंत तक पशु गणना के साथ ही पालतू और स्ट्रीट डॉग की गणना कर लें जिससे शेल्टर होम के अलावा अन्य कार्यों को सुनियोजित तरीके से किया जा सके । उन्होंने नगर निगम आयुक्त से कहा है कि वे स्ट्रीट डॉग के वेक्सीनेशन, नसबंदी और पुनर्वास के लिए पूर्व से चलाए जा रहे एवीसी कार्यक्रम को बेहतर बनाएं तथा इस कार्य में लगे एनजीओ के कार्यों को पारदर्शी और कारगर बनाएं । पशु प्रेमियों को भी इस कार्य में सहभागिता के साथ ही वार्ड स्तर पर जागरूकता शिविर लगाए जाएं । उन्होंने नए शेल्टर होम बनाए जाने के काम में तेजी लाए जाने के भी निर्देश दिए हैं । 

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कमिश्नर श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि सभी वार्ड में जल्दी ही जागरूकता शिविर लगाए जाएं और नागरिकों को स्ट्रीट डॉग के एडाप्शन, उनके टीकाकरण और नसबंदी के अलावा चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराई जाए तथा उन्हें शेल्टर होम में रखा जाए । उन्होंने मानव जीवन के लिए खतरनाक डॉग्स की पहचान कर उनके पकड़ने और ऐसे डाग्स की आक्रामकता रोकने के लिए उनके खाने और पानी के स्थल बनाए जाएं । बैठक में उपस्थित एनजीओ और पशु प्रेमियों ने अनेक सुझाव दिए तथा नगर निगम के एवीसी कार्यक्रम को प्रभावी बनाने की अपेक्षा भी की| 

आयुक्त नगर निगम विजय दत्ता ने बताया कि स्ट्रीट डॉग की आक्रामकता को कानून अनुसार रोकने और मानव जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत एक बेहतर कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया जाएगा । बैठक में मौजूद एनजीओ और पशु प्रेमियों के पांच प्रतिनिधियों को कार्य योजना समिति में रखा गया है । उन्होंने बताया कि स्ट्रीट डॉग के  खाने और पीने के पानी की व्यवस्था का काम नागरिकों के सहयोग से जल्दी ही शुरू किया जाएगा । आगामी 24 घंटे में एक एप और एक व्हाट्सएप ग्रुप प्रारंभ किया जाएगा और एनजीओ तथा पशु प्रेमियों के सहयोग से आक्रामक स्ट्रीट डॉग को पकड़ा जाएगा । इस अवधि में डॉग- कैच टीम को प्रशिक्षित करने के साथ ही वाहन को भी बेहतर बनाया जाएगा । कल से ही पालतू डॉग के रजिस्ट्रेशन, लायसेंस की प्रक्रिया भी प्रारंभ होगी । 


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