प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा 45 नए दीनदयाल अंत्योदय रसोई केंद्र खोलने की तैयारी की गई है।नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा इसके प्रस्ताव को तैयार किया गया। दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत 25 चलित केंद्र और भी स्थाई केंद्र को इसमें शामिल किया गया है। धार्मिक महत्व के स्थल और मंडीदीप सहित औद्योगिक नगरी में एक-एक रसोई केंद्र संचालित किए जाएंगे। इसके अलावा 20,000 से अधिक संख्या वाले निकायों में स्थाई दीनदयाल अंत्योदय रसोई केंद्र खोलने की भी तैयारी की गई है।बड़े शहरों में चलित केंद्रों को प्राथमिकता देने पर विचार किया जा रहा है।
प्रस्ताव के तहत ऐसी संस्था, जो शासन के इन केंद्रों पर भोजन उपलब्ध कराना चाहती है, उन्हें भी इस योजना में जोड़ा जा सकता है। अधिकारियों की मानें तो प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय और श्रम कार्य के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से गरीब परिवार का आगमन होता है। ऐसे में गरीब परिवार को भोजन के लिए भटकना न पड़े। इसके लिए सरकार द्वारा यह तैयारी की जा रही है। गरीब शहरी परिवारों को सस्ते दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना की शुरुआत की गई है।
10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले में 11 चलित रसोई केंद्र खोले जाने की तैयारी
वहीं सरकार की योजना के तहत प्रदेश के 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 4 नगर निगम में 11 चलित रसोई केंद्र खोले जाने की तैयारी की गई। इसके साथ ही 12 नगर निगम बुरहानपुर, देवास, कटनी, खंडवा , मुरैना, रतलाम, रीवा, सिंगरौली, उज्जैन, सागर और छिंदवाड़ा में एक-एक रसोई केंद्र बनाए जाएंगे। पीथमपुर और मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केंद्र बनाने की तैयारी की गई है।
इसके अलावा मंडीदीप, गंजबासौदा, सिरोंज, गोहद, राघोगढ़, डबरा, सारणी, इटारसी, सेंधवा, पीतमपुर, जावरा, सुजालपुर, नागदा, माल्थन और बुधनी में एक स्थाई दीनदयाल रसोई केंद्र खोले जाएंगे। इसके साथ ही 6 धार्मिक नगरी मैहर अमरकंटक महेश्वर ओंकारेश्वर और छोड़ त्रिकूट सहित प्रदेश के 52 जिलों में 104 रसोई केंद्र का संचालन फिलहाल किया जा रहा है।
दीनदयाल अंत्योदय रसोई केंद्र के आंकड़े
आंकड़े की बात करें तो इंदौर जिले में 8 दीनदयाल अंत्योदय रसोई केंद्र हैं। जबकि भोपाल में पांच, ग्वालियर में पांच, जबलपुर में 5 निवाड़ी में पांच, सतना में पांच, उज्जैन में पांच, खंडवा में चार, रतलाम में चार, बुरहानपुर में तीन, छिंदवाड़ा में तीन, देवास में तीन, रीवा में तीन, सागर में तीन, सिंगरौली में तीन, अनूपपुर में दो, खरगोन में दो, रायसेन में दो, आगर मालवा में एक, अलीराजपुर में एक, अशोकनगर में एक, बालाघाट, बड़वानी, बैतूल, भिंड, छतरपुर, दमोह, दतिया, धार, डिंडोरी, गुना, हरदा, होशंगाबाद, झाबुआ, कटनी, मंडला, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना, राजगढ़, सीहोर,सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, टीकमगढ़, उमरिया और विदिशा में भी एक-एक रसोई केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।