MP Farmers : राज्य में किसानों को जल्द बड़ा तोहफा देखने को मिल सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ऐसे किसानों के ब्याज का भुगतान कर सकती है, जिसे बैंक द्वारा डिफॉल्टर घोषित किया जा रहा है। सीएम शिवराज द्वारा इसकी घोषणा भी की गई थी।
राजधानी के मोतीलाल नेहरू विज्ञान महाविद्यालय के मैदान में किसान को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा था कि राज्य सरकार डिफाल्टर किसानों के ब्याज राशि की प्रतिपूर्ति करेगी। वहीं अगले साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव है ,ऐसे में किसानों को राहत देने
के लिए सरकार द्वारा यह तैयारी की जा सकती है। वही अगर नए साल में अन्नदाता के ब्याज को माफ किया जाता है तो यह किसानों के लिए राहत भरी खबर होगी। ऐसे किसान वापस से ऋण मुक्त होकर दोबारा बैंक से कर्ज लेने की पात्रता रखेंगे।
किसान द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए बैंक से ऋण लिया जाता है। ऋण
लेने के बाद यदि किसान ऋण चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं, तब बैंक द्वारा उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। ऐसे में उन्हें आगे ऋण का लाभ नहीं मिलता है। अब किसानों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने बैंक द्वारा डिफॉल्टर घोषित किए गए किसानों के ऋण के ब्याज की रकम चुकाने की घोषणा की है।
वन टाइम सेटेलमेंट योजना तैयार
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ऋण माफी योजना की शुरुआत किए जाने के साथ ही 14,57000 किसानों को अब तक लाभ दिया जा चुका है। इसी बीच शिवराज की घोषणा के बाद सहकारिता विभाग द्वारा वन टाइम सेटेलमेंट योजना तैयार की जा रही है। जिसके प्रस्ताव के तहत किसानों के मूलधन चुकाने के बाद उसके ब्याज को माफ कर दिया जाएगा।
समाधान योजना शुरू करने की तैयारी
माना जा रहा है कि 30 मार्च 2018 के पूर्व के कर्जदार किसानों को इसमें शामिल किया जा सकता है। साथ ही समाधान योजना शुरू करने की तैयारी भी की जा रही है। उनके राजस्व और विद्युत देयक संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए शिविर लगाए जाने की भी बात कही गई है। बीते दिनों विधानसभा चुनाव को देखते हुए कमलनाथ द्वारा भी किसान ऋण माफी के मुद्दे को उठाया गया था।
9000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार
वही यदि राज्य सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफी की जाती है तो मूलधन और ब्याज मिलाकर कुल 24000 करोड़ रूपए बैंक को देने होंगे। वहीं सिर्फ ब्याज माफ़ किया जाता है तो भी राज्य शासन को 9000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश भर में 11 लाख डिफॉल्टर किसान हैं।
वही एक आंकड़े के मुताबिक यदि सरकार द्वारा 2018 के बाद के ब्याज की माफ़ी की जाती है तो करीब 500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त भार राज्य शासन पर आएगा। इससे पहले भी किसानों के लिए तीन बार ब्याज माफी की जा चुकी है। हालांकि फिलहाल कर्ज माफी पर कोई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन विधानसभा चुनाव को देखते हुए किसानों के लिए बड़ी घोषणा की उम्मीद बनती नजर आ रही है।