भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच बड़ी राहत भरी खबर है। भारत सरकार के सहयोग से मध्यप्रदेश में त्वरित ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार को सुबह साढ़े 5 बजे बोकारो (झारखण्ड) से रवाना हो चुकी है। इस ट्रेन से ऑक्सीजन के 6 टैंकर में 63.78 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भोपाल पहुँचेगी। जो टैंकर भेजे गए उनमें से पहली खेप में ट्रेन द्वारा 6 टैंकर 63.78 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर बुधवार की सुबह भोपाल आ जाएंगे।प्रदेश के भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट (Bhopal and Indore Airport) से इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) के विशेष विमानों से ऑक्सीजन टैंकर प्रतिदिन बोकारो और जामनगर भेजे जा रहे हैं।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार से 22 अप्रैल से 643 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति की स्वीकृति मिली है। रेल मंत्रालय के सहयोग से त्वरित रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश पशुधन विकास निगम के 4 टैंकर ऑक्सीजन भरकर लाने के लिए अंगुल (ओडिशा) भी भेजे गए हैं, जिनमें 23 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आएगी। ये सभी टैंकर भी कल मध्य प्रदेश आ जायेंगे। सोमवार को प्रदेश में 527.69 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई। आज प्रदेश को कुल 533 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन के त्वरित परिवहन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सहयोग से झारखण्ड के बोकारो एवं गुजरात के जामनगर स्थित ऑक्सीजन उत्पादकों से ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट कर इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर लाये जा रहे हैं। भारतीय वायु सेना की उड़ानों के फेरों के माध्यम से गत 24 अप्रैल से जारी यह कार्यवाही एक मई तक लगातार जारी रहेगी।प्रदेश मे स्थित थर्मल पॉवर स्टेशंस के माध्यम से खंडवा और सारणी में 7000 लीटर क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट अगले 3 सप्ताह में तैयार हो जाएंगे। इन प्लांट से लगभग 200 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन प्राप्त हो सकेगी।
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सीएम शिवराज ने बताया कि मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। ऑक्सीजन की आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिये कंट्रोलर, फूड एंड ड्रग सेफ्टी को प्रभारी बनाया गया है।ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गये हैं। प्रदेश के 34 जिलों में स्थानीय व्यवस्था से एक हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। कौंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, भारत सरकार द्वारा अधिकृत संस्था के माध्यम से प्रदेश के 5 जिला चिकित्सालयों भोपाल, रीवा, इंदौर ग्वालियर और शहडोल में नवीनतम VPSA तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांट्स एक करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से लगाये जा रहे हैं। इनमें 300 से 400 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनेगी जो लगभग 50 बेड्स के लिए पर्याप्त होगी।
गौरतलब है कि प्रदेश के 8 जिलों में भारत सरकार के सहयोग से पीएसए तकनीक आधारित 8 ऑक्सीजन प्लांट्स स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 6 प्लांट्स ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश के 37 जिलों के लिए राज्य सरकार स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट्स लगा रही है। इनमें से प्रथम चरण में 16 मई तक 13 जिलों में प्लांट प्रारंभ हो जायेंगे। द्वितीय चरण में 9 जिलों में प्लांट 23 मई तक चालू हो जायेंगे। तृतीय चरण में शेष 15 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट्स 20 जुलाई तक प्रारंभ करने का लक्ष्य है।