पत्रकार खून में लथ पथ कराह रहा था , राहुल यात्रा कर रहे थे…आशीष अग्रवाल बोले ‘इतने अशिष्ट -असंवेदनशील राहुल बने रहेंगे कब तक?’

इस घटनाक्रम का सबसे शर्मनाक और असंवेदनशील पहलू ये है कि यात्रा में इतनी बड़ी दुर्घटना हो जाने के बाद भी राहुल ने पलटकर कुछ नहीं देखा उन्होंने यात्रा जारी रखी, इतना ही नहीं, यात्रा में मौजूद कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं ने भी घायलों का हाल जानने का प्रयास नहीं किया, स्थानीय नेता सुनील शर्मा  फोटो पत्रकार छोटू जायसवाल को देखने गए और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने फोन कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर लिया।

Accident in Rahul Gandhi Yatra

MP News  : राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं वे दलितों , ओबीसी, पिछड़ों की बात कर रहे हैं और ये अहसास करा रहे हैं कि उन्हें इन सभी की फ़िक्र है लेकिन राहुल गांधी कितने फिक्रमंद हैं कितने संवेदनशील हैं इसका अंदाजा उनकी ग्वालियर यात्रा के दौरान लग गया, जब वे रोड शो निकाल रहे थे तभी उनके कवरेज के लिए चल रही गाड़ी से ड्राइवर की गलती से तीन मीडियाकर्मी नीचे आ गिरे, जैसे तैसे यात्रा में साथ चल रही एम्बुलेंस उन तक पहुंची और फर्स्ट एड दिया, यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि पत्रकार कराहता रहा और इतनी गंभीर दुर्घटना के बाद भी राहुल गांधी यात्रा करते रहे। भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने राहुल गांधी को असंवेदनशील बताते हुए उनपर करारा हमला किया है।

कवरेज के दौरान ड्राइवर ने अचानक लगाये ब्रेक तीन मीडियाकर्मी नीचे गिरे 

राहुल गांधी की न्याय यात्रा 2 मार्च की शाम ग्वालियर पहुंची, बहुत साड़ी भीड़, राहुल और सीनियर लीडर को अपना प्रभाव दिखाने के लिए भारी भीड़ चल रही थी,  यात्रा को कवर करने लिए कांग्रेस की मीडिया मैनेजमेंट टीम ने एक गाड़ी कर दी थी उसमें मीडियाकर्मी कवरेज के लिए खड़े थे , जब यात्रा ग्वालियर विधानसभा के चार शहर का नाका क्षेत्र से निकाल रही थी तभी गाड़ी के ड्राइवर ने अचानक जोर से ब्रेक लगा दिए , ऊपर राहुल को कवर कर रहे तीन मीडियाकर्मी जमीन पर धड़ाम से आ गिरे।

ग्वालियर के फोटो जर्नलिस्ट को ज्यादा चोट आई अपने प्रयासों से अस्पताल में भर्ती 

मीडियाकर्मियों के गिरते ही वहां चीखपुकार मच गई, पता चला कि घायल पत्रकारों में दो दिल्ली के पत्रकार थे और एक ग्वालियर के सीनियर फोटो जर्नलिस्ट राजेश जायसवाल (छोटू) थे, यात्रा में साथ चल रही एम्बुलेंस जैसे तैसे घायलों तक पहुंची और उन्हें एम्बुलेंस में ही प्रथ्मिल उपचार दिया जाने लगा, छोटू की हालत बहुत गंभीर थी वो चोट से कराह रहे थे, खून से सने हुए थे वे अपने निजी प्रयासों से साथियों  और परिवार की मदद से सिविल अस्पताल ग्वालियर पहुंचे फिर वहां से निजी अस्पताल में भर्ती हो गए ।

घटना को नजरंदाज कर राहुल ने यात्रा जारी रखी, सीनियर नेताओं ने भी नहीं जाना हाल  

अस्पताल में जाँच के बाद पता चला कि छोटू जायसवाल के सिर, हाथ में गंभीर चोट के अलावा शरीर में तीन जगह फ्रेक्चर है, अब इस घटनाक्रम का सबसे शर्मनाक और असंवेदनशील पहलू ये है कि यात्रा में इतनी बड़ी दुर्घटना हो जाने के बाद भी राहुल ने पलटकर कुछ नहीं देखा उन्होंने यात्रा जारी रखी, इतना ही नहीं, यात्रा में मौजूद कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं ने भी घायलों का हाल जानने का प्रयास नहीं किया, स्थानीय नेता सुनील शर्मा  फोटो पत्रकार छोटू जायसवाल को देखने गए और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने फोन कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर लिया।

भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने राहुल गांधी पर किया हमला, बताया असंवेदनशील और अशिष्ट  

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने राहुल गांधी की इस असंवेदनशीलता पर प्रहार किया है, उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा- संवेदनहीनता की तोड़ दी सारी हद, इतने अशिष्ट -असंवेदनशील राहुल बने रहेंगे कब तक? ग्वालियर में भारत जोड़ो यात्रा में जो हुआ, उसने राहुल गांधी और कांग्रेस की पत्रकार साथियों से नफ़रत और असंवेदनशीलता को उजागर कर दिया। राहुल गांधी की यात्रा कवर करते समय मीडियाकर्मियों की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है…पत्रकार साथी बुरी तरह घायल होकर कराह रहे थे… एक के मुंह से खून निकल रहा था… तीन घायल मीडिया कर्मियों में से दो दिल्ली के तथा एक ग्वालियर के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट राजेश जायसवाल (छोटू) थे। उन घायल पत्रकार साथियों के इलाज हेतु अस्पताल पहुंचाने की चिंता तो छोडिए, राहुल गांधी अपनी सियासी यात्रा में व्यस्त रहे, ना तो घायल पत्रकारों का हाल जाना, ना अस्पताल में जाकर मिले। अपने रोड शो की फ़िक्र में सड़क पर ज़ख़्मी हुए पत्रकारों को भूलने वाले राहुल गांधी ने साबित कर दिया कि वो उसी नेहरू परिवार के शहज़ादे हैं जिसने आपातकाल में लोकतंत्र के चौथे खंभे को छलनी किया था।

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए आशीष अग्रवाल ने बताया कि मैंने आज सुबह ही छोटू भाई से फ़ोन पर संपर्क कर उनका हालचाल जाना है । मैंने अपने प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश मीडिया विभाग के सदस्य ब्रजराज सिंह को अस्पताल पहुंचाकर स्वास्थ्य की जानकारी ली एवं हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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