भोपाल।
नियमितीकरण समेत अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों को जिंदा जलाने की कोशिश के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। विपक्ष ने इसको लेकर कमलनाथ सरकार की घेराबंदी करना शुरु कर दिया है।नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है वही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। दोनों ने ट्वीटर के माध्यम से इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल खड़े किए है।
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर लिखा है कि सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर भोपाल में पिछले 35 दिनों से इस सर्द मौसम में धरने पर बैठे अतिथि विद्वान के पंडाल में आग लगा दी गयी ताकि इनकी आवाज को दबाया जा सके। प्रदेश में जायज मांगो ओर हक के लिए लड़ना भी अब शायद अपराध है।कमलनाथ जी इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाएं।
वही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि देखिए कमलनाथ जी,आपके राज में अपराधी और असामाजिक तत्व कैसे बेखौफ होकर खुल के खेल रहे हैं। कल रविवार को ओरछा में सरेआम एक ड्राइवर का गला रेतकर अपराधी गाड़ी लेकर फरार हो गए।बदमाशों को डर नहीं, क्योंकि उन्हें मालूम है, ‘कांग्रेस की सरकार – अपराधियों की सरकार’। वही शिवराज ने अगले ट्वीट में लिखा है कि अकल्पनीय, पहले तो अतिथि विद्वानों की मांगें नहीं मानी जा रही और अब उन्हें ज़िंदा जलाने की साज़िश, क्या शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर विरोध करना अपराध है? शासन-प्रशासन से मेरी मांग है कि इनकी सुरक्षा के उचित इंतज़ाम हों और दोषियों को तुरंत पकड़ा जाए।
ये है पूरा मामला
बीती रात अतिथि विद्वानों के टेंट में किसी ने आग लगा दी । आग लगते ही चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। घटना रात करीब 2:00 बजे की बताई जा रही है।प्रदर्शनकारियों ने बताया कि करीब 4-5 नकाबपोश पेट्रोल लेकर आए और टेंट पर छिड़क कर आग लगा दी।इससे पंडाल का एक हिस्सा जल गया। हालांकि अतिथि विद्वान रात में पहरा देते हैं इसलिए आग पर तत्काल काबू पा लिया गया। बताया जा रहा है जिस समय यह कोशिश की गई उस वक्त पंडाल में 1500 अतिथि विद्वान सो रहे थे।इस कैंप में करीब 500 महिलाएं हैं। गनिमत रही कि कोई बड़ा हादसा होने से टल गया , वरना कईयों की जान जा सकती थी। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रही है।