भोपाल। भाजपा में लंबे समय से बेटा-बेटी को टिकट दिलाने की मांग कर रहे नेताओं की उम्मीदों पर लोकसभा चुनाव में भी पानी फिर सकता है। क्योंकि भाजपा के मौजूदा सांसद, विधायकों के रिश्तेदारों को लोकसभा टिकट नहीं मिलेगा। जो नेता अपने बेटा-बेटी को टिकट लड़ाना चाहते हैं उन्हें खुद टिकट की दौड़ से बाहर होना पड़ेगा। ऐसे में कई नेता पुत्र टिकट की दौड़ से बाहर हो सकते हैं।
भाजपा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव लंबे समय से अपने पुत्र अभिषेक भार्गव के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी अभिषेक ने सागर लोकसभा से टिकट की मांग की थी, लेकिन तब भार्गव सरकार में मंत्री थे, लिहाजा अभिषेक को टिकट नहीं मिला। अब भार्गव मप्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं, ऐसे में उनके बेटे को टिकट मिलने की संभावनाओं पर इस बार भी पानी फिर सकता है।
बेटी को लेकर टिकट मांगने पहुंचे बिसेन
इधर भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन भी अपने बेटी मौसम को बालाघाट से लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं। पिछले चुनाव में भी उन्होंने मौसम को लोकसभा चुनाव उतारने की भरसक कोशिश की, लेकिन पार्टी ने बोध सिंह भगत को बालाघाट से चुनाव मैदान में उतारा। बोध सिंह और बिसेन के बीच हमेशा विवाद की स्थिति बनी रहती है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी देानों नेता एक-दूसरे के खिलाफ बांहेंतान चुके हैं। बिसेन भाजपा विधायक हैं और उनकी पत्नी रेखा बिसेन बालाघाट जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं, ऐसे में उनकी बेटी मौसम बिसेन को इस बार टिकट मिलना भी मुश्किल हैं।
पार्टी ने विधानसभा में दिया था ऑफर
अपने बेटा-बेटी को राजनीति में उतारने के इच्छुक भाजपा नेताओं के लिए पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ऑफर दिया था। इसके लिए पार्टी की ओर से नेताओं से कहा गया था कि वे खुद चुनाव मैदान से पीछे हटकर अपने बेटा-बेटी को टिकट दिला सकते हैं। तब कैलाश विजयवर्गीय ने ही चुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया था। ऐसे में पार्टी ने उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय को विधानसभा का टिकट दिया। जबकि बेटा-बेटी के लिए टिकट की मांग करने वाले नेताओं ने खुद चुनाव लड़ा।