भोपाल।
अभी पातालकोट को लीज पर दिए जाने का मामला ठंड़ा हुआ ही नही था कि नया मामला निकलकर सामने आया है।खबर है कि भोपाल के इमामीगेट जैसी प्राइम लोकेशन पर बने भाजपा कार्यालय को नगर निगम ने लीज पर दिया था, जिसके लिए भाजपा सिर्फ 264 रुपए प्रतिमाह किराए देती रही , जबकी अनुबंध में साफ कहा गया था कि समय समय पर किराया बढ़ाया जाएगा।हैरानी की बात तो ये है कि इसमें पानी की आपूर्ति के लिए भवन के पास सरकारी नल भी लगवाया गया था और 80 लाख का रिनोवेशन भी किया गया , जिसका पैसा निगम ने भरा था।अधिकारियों से जब इस मामले में बातचीत की गई तो वे चुप्पी साध गए।ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर किसकी मेहरबानी पर ये सारा खेल किया गया और क्यों…
दरअसल, इमामीगेट जैसी प्राइम लोकेशन पर भाजपा का कार्यालय है, जबकी ये निगम की जमीन है।हालांकि इसका राज्य सरकार का नगर निगम से भवन को लेकर लीज रेंट 13 दिसंबर 1978 को अनुबंधित हुआ था। तब प्रतिमाह 141.25 रुपए किराया तय किया था। इसमें स्पष्ट था कि समय के अनुसार ये किराया बढ़ाया जाए, लेकिन 40 साल बीतने के बाद भी इसमें निगम प्रशासन की ओर से केवल 123 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई। वर्तमान में भाजपा इसके लिए 264 रुपए प्रतिमाह ही किराया देती है। जबकि भवन तीन मंजिला है और इसी में सात दुकाने भी निकली हुई है। आश्चर्य की बात तो ये है कि इस 40 साल के अंतराल में ना सिर्फ इसमें पानी आदि की सरकारी सुविधाएं मुहैया करवाई गई जबकी निगम द्वारा 80 लाख रुपये की लागत लगाकर इसका समय समय पर रिनोवेशन भी करवाया गया।(ये पूरी जानकारी सूचना के अधिकारी से सामने आई है) जब इस मामले में जोन प्रभारी और अधिकारियों से बातचीत की गई तो वे बात को टाल गए। उनका कहना था कि वे सिर्फ किराए वसूल करते है इसके आगे उन्हें कोई जानकारी नही। ऐसे में सवाल खड़ा ये होता है कि आखिर किसके कहने पर आजतक ये किराया नही बढ़ाया गया, इस पूरे खेल में कौन कौन अधिकारी शामिल है, अभीतक इस पर कोई कार्रवाई क्यों नही की गई।